रांंची : कोरोना वायरस के नये वेरिएंट एक्सई ने भारत में दस्तक दे दी है. लेकिन, राज्य में नये वेरिएंट की पहचान के लिए अभी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब तैयार नहीं हो पाया है. रिम्स के एकेडमिक भवन के पांचवें तल्ले पर अभी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब तैयार ही किया जा रहा है. इसे पूरी तरह तैयार होने में 15 से 20 दिनों का समय लगने की संभावना है.
वहीं, जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन का दूसरा पार्ट भी आना बाकी है. इसके आने में भी 15 दिन से अधिक समय लगेगा. ऐसे में अप्रैल के अंत तक या मई के प्रथम सप्ताह से नये वेरिएंट की पहचान राज्य में हो सकेगी. एनएचएम द्वारा वर्ष 2021 के दिसंबर में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के आधे पार्ट के लिए निविदा निकाली गयी थी.
अमेरिकी कंपनी को पांच करोड़ से मशीन मंगाने का कार्यादेश दिया गया. बाद में फिर से आधे पार्ट के लिए निविदा निकाली गयी, जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि 18 अप्रैल तक मशीन लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. इसके बाद इंस्टॉल किया जायेगा.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गयी हैं. ऐसे में कोरोना के नये वेरिएंट एक्स-ई का झारखंड पहुंचा तय है. नये वायरस का फैलाव तेजी से होगा. हालांकि, यह डेल्टा या डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं होगा. इसका प्रभाव कम रहेगा. इसलिए ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, ज्यादातर लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है.
डॉ पूजा सहाय, माइक्रोबायोलॉजिस्ट
Posted By: Sameer Oraon