Jharkhand News, Ranchi News, Coronavirus update today in jharkhand रांची : आरटीपीसीआर किट से की गयी जांच में कोरोना का नया स्ट्रेन पकड़ में नहीं आ रहा है. लक्षण होने के बाद भी कई लोगों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. पुष्टि के लिए लोग दूसरे लैब में जांच करा रहे है, लेकिन वहां भी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. ऐसे में डॉक्टर असमंजस में पड़ जा रहे हैं.
कोरोना का लक्षण व क्लिनिकल डाइग्नोसिस को आधार बनाकर डॉक्टर जब एचआरसीटी (हाइरेजुलेशन सीटी स्कैन) करा रहे हैं, तो पता चलता है कि कोरोना वायरस संक्रमित के फेफड़ा को काफी प्रभावित कर चुका होता है.
राजधानी में रिम्स और निजी अस्पतालों में ऐसे करीब एक से दो गंभीर संक्रमितों को भर्ती किया गया जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें, तो फॉल्स निगेटिव रिपोर्ट के कारण परेशानी बढ़ गयी है. रिपोर्ट निगेटिव आने पर दवा लेकर कई संक्रमित घर और बाहर घूम रहे हैं. ऐसे संक्रमितों से खतरा है, क्योंकि वे खुद खतरे में डाल ही रहे हैं, स्वस्थ लोगों को भी कोरोना बांट रहे हैं. शहर के विभिन्न अस्पतालों में ऐसे कोरोना संक्रमितों का चल रहा इलाज, जिनकी रिपोर्ट आ चुकी थी निगेटिव
राजधानी के मेदांता अस्पताल में शुक्रवार को एक संक्रमित लक्षण के आधार पर भर्ती होने आया. परिजनों ने डॉक्टर को आरटीपीसीआर की दो रिपोर्ट साैंपी. दोनों ही रिपोर्ट निगेटिव थी. जबकि, मरीज का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था. डॉक्टरों ने मरीज को संदिग्ध कोविड मानते हुए अलग रखा गया. जब एचआरसीटी जांच करायी गयी, तो पता चला कि वायरस फेफड़ों को काफी प्रभावित कर चुका है.
रियातू मेडिकल चौक स्थित पल्स अस्पताल में पिछले दो दिन में तीन ऐसे संक्रमित भर्ती हुए, जिनकी कोरोना जांच रिपोर्ट तो निगेटिव थी, लेकिन परेशानी थी. इसलिए क्लिनिकल जांच में डॉक्टर कोविड ही मान रहे थे. संक्रमितों की जब एचआरसीटी जांच करायी गयी, तो पता चला कि काेविड विकराल रूप ले चुका है. फेफड़ा काफी प्रभावित हो चुका है. रिपोर्ट आते ही संक्रमितों को तत्काल आइसीयू में शिफ्ट किया गया.
Posted By : Sameer Oraon