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झारखंड : ईडी के समन की अवहेलना मामले में हेमंत सोरेन पर चलेगा मुकदमा, 3 अप्रैल को होगी सुनवाई

समन के बाद हेमंत सोरेन को कोर्ट की अगली सुनवाई में हाजिर होना होगा. अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

By Mithilesh Jha | March 6, 2024 12:37 PM
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झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से समन की अवहेलना मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकायतवाद पर सीजेएम कोर्ट ने आइपीसी की धारा-174 के तहत संज्ञान लिया. अब इस मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलेगा. मामले में कोर्ट ने हेमंत सोरेन को समन जारी करने को कहा है.

हेमंत सोरेन को 3 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

समन के बाद हेमंत सोरेन को कोर्ट की अगली सुनवाई में हाजिर होना होगा. अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में हेमंत सोरेन को 10 बार समन किया गया था. इसमें से सिर्फ दो समन पर ही हेमंत उपस्थित हुए थे.

झारखंड के पूर्व सीएम को ईडी ने 10 बार भेजा समन

ईडी ने कोर्ट को बताया कि बाकी के आठ समन पर हेमंत का उपस्थित नहीं होना समन की अवहेलना है. उल्लेखनीय है कि ईडी के आठवें समन पर 20 जनवरी को और 10वें समन पर 31 जनवरी को हेमंत सोरेन हाजिर हुए थे. इस मामले में हर समन की अवहेलना के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को एक-एक महीने जेल की सजा हो सकती है.

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अरविंद केजरीवाल मामले में कोर्ट ने कही थी ये बात

झारखंड की अदालत 3 अप्रैल को हेमंत सोरेन के मामले में अपना फैसला सुना सकती है. इसमें तय होगा कि उन्हें क्या सजा दी जाए. दूसरी तरफ 7 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की एडीशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने कहा था कि ईडी के समन की अवहेलना आइपीसी की धारा 174 के तहत अपराध है.

ईडी के समन का पालन करना सबका कर्तव्य : कोर्ट

इसके लिए पीएमएलए एक्ट के सेक्शन 50 के तहत सजा का प्रावधान है. जज ने यह भी कहा कि ईडी के समन का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है. सेक्शन 174 के तहत कोर्ट को किसी भी संदिग्ध को समन जारी करने का अधिकार है. उसके पास यह अधिकार है कि संबंधित व्यक्ति को जांच एजेंसी के सामने पेश करे.

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बार-बार समन की अवहेलना पर 1000 रुपए जुर्माना या 6 माह कैद

जज ने आगे कहा कि अगर कोर्ट इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि संबंधित व्यक्ति ने जान-बूझकर समन की अवहेलना की है, तो उसे एक महीने जेल की सजा और 500 रुपए का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है. अगर कोर्ट को ऐसा लगता है कि उसने इसके बाद भी समन की अवहेलना की है, तो उसे 6 महीने तक की सजा और 1000 रुपए जुर्माना अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है.

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