Jharkhand Crime : रांची में नौकरानी ने डॉक्टर के बेटे, मां और सास पर किया जानलेवा हमला, फांसी लगाकर खुद दे दी जान
Jharkhand Crime, Ranchi News, रांची न्यूज : सीआरपीएफ, चाईबासा के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह असिस्टेंट कमांडेंट डॉ जगत आनंद सुरीन के बेटे, मां व सास पर जानलेवा हमला कर नौकरानी ने फांसी लगा जान दे दी. घटना उनके रांची के एदलहातू स्थित आवास पर गुरुवार को घटी. मृत नौकरानी सलोमी होरो (45 वर्ष), खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी. घटना में घायल डॉ आनंद के सात वर्षीय पुत्र प्रियांक सुरीन, मां एलिस सुरीन (78 वर्ष) व सास सुभानी होरो (80) को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है़ घायलों की स्थिति गंभीर बनी है. मामले में डॉ आनंद ने बरियातू थाना में आवेदन दिया है़ डॉ आनंद की पत्नी डॉ जयवंती हेलेन होरो चक्रधरपुर सरकारी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हैं. डॉक्टर सुरीन के अनुसार, सलोमी होरो की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. तनाव के कारण उसने ऐसा कदम उठाया.
Jharkhand Crime, Ranchi News, रांची न्यूज : सीआरपीएफ, चाईबासा के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह असिस्टेंट कमांडेंट डॉ जगत आनंद सुरीन के बेटे, मां व सास पर जानलेवा हमला कर नौकरानी ने फांसी लगा जान दे दी. घटना उनके रांची के एदलहातू स्थित आवास पर गुरुवार को घटी. मृत नौकरानी सलोमी होरो (45 वर्ष), खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी. घटना में घायल डॉ आनंद के सात वर्षीय पुत्र प्रियांक सुरीन, मां एलिस सुरीन (78 वर्ष) व सास सुभानी होरो (80) को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है़ घायलों की स्थिति गंभीर बनी है. मामले में डॉ आनंद ने बरियातू थाना में आवेदन दिया है़ डॉ आनंद की पत्नी डॉ जयवंती हेलेन होरो चक्रधरपुर सरकारी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हैं. डॉक्टर सुरीन के अनुसार, सलोमी होरो की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. तनाव के कारण उसने ऐसा कदम उठाया.
डॉ आनंद सुरीन ने बताया कि सलोमी होरो की मानसिक स्थिति एक सप्ताह से ठीक नहीं थी. तीन फरवरी को उसे सीआइपी में चिकित्सक से दिखाया गया था. गुरुवार को करीब तीन बजे वह अचानक उग्र हो गयी. वह मशाला कूटने वाले खल का लोहा अपनी साड़ी में छिपा कर आयी और सबसे पहले ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठे सात वर्षीय पुत्र प्रियांक सुरीन पर हमला कर दिया. वह सिर पर हमला कर रही थी, लेकिन प्रियांक ने हाथ से सिर को ढंक लिया. इससे उसके हाथ में गंभीर चोट लगी. वह गिर गया. इसके बाद बगल में ही सोफा पर बैठी मां एलिस सुरीन (78) के सिर पर लोढ़ा मार कर उन्हें जख्मी कर दिया. इसके बाद ड्राइंग रूम से निकल वह दूसरे कमरे में गयी, वहां सास सुभानी होरो (80) पर भी हमला कर दिया. घटना के वक्त डॉ सुरीन की पत्नी हेलेन होरो व बेटी प्रियंका बाजार गयी हुई थी़ घायल प्रियांक कमरे से बाहर निकल कर चिल्लाया. यह सुनकर घर के परिसर में काम कर रहे मजदूर ने सलोमी को पकड़ा और उसे कब्जे में लेकर उसका हाथ रस्सी से बांध कर उसे घर के परिसर में स्थित आउट हाउस में बंद कर दिया.
अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथ में बंधी रस्सी सलोमी किसी तरह खोल ली होगी तथा देर रात 11 से 12 बजे के बीच उसने एस्बेस्टस के रॉड में रस्सी के सहारे फांसी लगा ली. सभी लोग घायलों के इलाज में लगे थे. घायलों को पहले रिम्स उसके बाद मेडिका में भर्ती कराया गया़ अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथ में बंधी रस्सी सलोमी किसी तरह खोल ली होगी तथा देर रात 11 से 12 बजे के बीच उसने एस्बेस्टस के रॉड में रस्सी के सहारे फांसी लगा ली. सभी लोग घायलों के इलाज में लगे थे. घायलों को पहले रिम्स उसके बाद मेडिका में भर्ती कराया गया.
खूंटी जिला के कर्रा प्रखंड अंतर्गत रूंजू कोटलो निवासी सलोमी होरो सात साल से सीआरपीएफ के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएमओ) डॉ जगत आनंद सुरीन व उनकी पत्नी डॉ हेलेन होरो के घर में काम कर रही थी. वह डॉ आनंद के बेटे प्रियांक सुरीन को जन्म से ही पाल रही थी. सलोमी जिस बच्चे को पाल रही थी, उसकी पर जानलेवा हमला कर दिया. इसके अलावा सलोमी ने डॉ आनंद की मां एलिस सुरीन व सास सुभानी होरो पर भी हमला किया. डाॅक्टर दंपती का घर मोरहाबादी के एदलहातु में है़ बताया जाता है कि मानसिक तनाव में रहने के कारण उसने हमला किया़ घटना के वक्त डॉ आनंद के पिता दूसरे कमरे में आराम कर रहे थे.
सलोमी के पुत्र ने यहीं रह कर की थी 12वीं की पढ़ाई : सलोमी का एक बेटा अनिल है़ उसने डॉ सुरीन के ही घर में रह कर 12वीं तक पढ़ाई की. उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च डॉक्टर का परिवार ने ही उठाया. अभी वह हरमू के कार वॉशिंग गैरेज में काम करता है़ पुलिस ने मामले की जानकारी सलोमी के परिजनों को दे दी है. घटना की जानकारी मिलने पर सीएमओ डॉ आनंद गुरुवार की देर रात चाईबासा से रांची पहुंचे. मेडिका अस्पताल जाने के पहले वे सलोमी का हाल लेने उसके कमरे में गये. उन्होंने देखा कि सलोमी फंदे से लटकी हुई थी. इसके बाद उसे फंदे से उतार कर जांच की, तो उसका नब्ज नहीं चल रहा था़ फिर आला लगा कर देखा, लेकिन उसकी सांस नहीं चल रही थी. उसकी मौत हो चुकी थी. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना बरियातू पुलिस को दी.
डॉ सुरीन की पुत्री प्रियंका के अनुसार, सलोमी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी़ तीन फरवरी को उसे इलाज के लिए सीआइपी ले जाया गया था़ डॉक्टर ने उसे डिप्रेशन की दवा दी थी. उस दौरान डॉ सुरीन की पत्नी डाॅ हेलेन ने डॉक्टर से उसे अस्पताल में भर्ती करने का अनुरोध किया था, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि सलोमी की स्थिति भर्ती करने के लायक नहीं है. इसके बाद सलोमी को लेकर डॉ हेलेन घर आ गयी. सलोमी हाल के दिनों में अचानक आक्रामक हो जाती थी और लोगों से मारपीट करने लगती थी.
Posted By : Guru Swarup Mishra