100 करोड़ का बैंक घोटालेबाज संतोष यादव गिरफ्तार, आरोपी को पकड़ने में इडी के छूटे पसीने, जानें कैसे
मिड डे मील योजना में 100 करोड़ का अवैध ट्रांसफर करने के मामले में भानु कंस्ट्रक्शन के संजय तिवारी गिरफ्तार हो गए हैं. लेिन गिरफ्तारी से बचने के लिए संजय तिवारी कई कंपनियां बनाकर बंद कमरे से ही काम-काज करने लगा लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
रांची : 100 करोड़ के बैंक घोटाले में फंसने के बाद भानु कंस्ट्रक्शन के संजय तिवारी ने अपनी दुनिया ही बदल डाली. नायाब तरीका अपनाया. जांच एजेंसियों की पकड़ में नहीं आने के लिए कई कंपनियां बनाकर बंद कमरे से ही काम-काज करने लगा. हालांकि काफी मशक्कत के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उसे पीएमएलए के विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इडी ने कोर्ट से संजय तिवारी के लिए 15 दिन के रिमांड की मांग की है. इस पर बुधवार को सुनवाई होगी.
इडी अफसरों को संजय तिवारी की गिरफ्तारी में काफी परेशानी उठानी पड़ी. वह खुद एक फ्लैट में बंद रहता है और उसका कार्यालय भी बाहर से बंद कमरे में चलता है.
वह फिलहाल यूटीएस इंफ्राटेक, भानु हाइवे प्रोजेक्टस लिमिटेड और चियास टी इंडस्ट्रीज एंड बिवरेजेज के नाम से व्यापार करता है. यूटीएस इंफ्राटेल के पास बिहार के 17 जिलों के थानों के डिजिटाइजेशन का काम है. इस योजना के तहत क्रिमिनल एंड क्राइम ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) डेवलप करना है. यूटीएस में संजय तिवारी के अलावा रजत शर्मा नाम का एक दूसरा निदेशक है. थानों के डिजिटाइजेशन का काम उसे उर्वशी नामक कंपनी ने ऑफलोड किया है.
ऐसे पकड़ा गया :
इडी की टीम सोमवार की सुबह सात बजे ही अरगोड़ा स्थित वसुंधरा अपार्टमेंट पहुंची. गेट पर पहुंचते ही भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय तिवारी को इसकी सूचना मिल गयी. उसने अपने कमरों तक पहुंचने के हर रास्ते पर सीसीटीवी लगा रखा था. इडी अधिकारियों के अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचते ही संजय तिवारी के वाट्सएप ग्रुप से जुड़े लोग सक्रिय हो गये. संजय ने तत्काल कर्मचारियों को सोमवार के दिन ऑफिस नहीं आने का निर्देश भेजा.
बंद कमरे से चलनेवाले कार्यालय में 20 लोग काम करते हैं. इनके वेतन भत्ता पर प्रति माह करीब तीन लाख रुपये का खर्च है. अपार्टमेंट के 10वें तल्ले स्थित फ्लैट नंबर 1008 में संजय तिवारी का परिवार रहता है. इस फ्लैट की तलाशी के दौरान इडी के अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज मिले. काफी कोशिश के बावजूद संजय तिवारी का पता नहीं चल पा रहा था. संजय के छिपे होने की जगह के बारे में कोई बताने को तैयार नहीं था.
अपार्टमेंट के गार्ड के अलावा संजय की पत्नी और बच्चे भी कुछ नहीं बता रहे थे. बाद में इडी के अधिकारियों ने सूचना छिपानेवालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. इसके बाद यह जानकारी मिली कि संजय तिवारी फ्लैट नंबर 901 में छिप कर रहता है. इडी के अधिकारी फिर इस फ्लैट पर पहुंचे, तो बाहर से ताला बंद पाया. काफी मशक्कत के बाद फ्लैट खुलवाया गया, तो संजय तिवारी फ्लैट में मिला. पूछताछ के बाद इडी के अधिकारियों ने देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी से पहले इडी ने ली कानूनी सलाह
गिरफ्तार किये जाने की सूचना मिलते ही संजय तिवारी ने कहा कि इडी के अधिकारी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी है. उसने इडी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी दी. इसके बाद इडी ने अपने वकील से कानूनी सलाह ली और उसे गिरफ्तार कर लिया.
Posted By : Sameer Oraon