Jharkhand: ACB दर्ज करेगा 29 अभियंताओं व ठेकेदारों पर केस, CM हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, जानें पूरा मामला
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 29 अभियंताओं और संवेदकों पर झारखंड के एसीबी केस दर्ज करेगा. सीएम हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है. आरोप है कि इन्होंने नलकूप लगाने के काम अधूरा करने के बाद भी पूरा भुगतान लिया है.
रांची : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 29 अभियंताओं और संवेदकों पर प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मामला वित्तीय वर्ष 2010-11 और 2013-14 का है. आरोप है कि विभाग के संवेदकों ने धनबाद के गोविंदपुर व निरसा प्रखंड की पंचायतों में नलकूप लगाने समेत अन्य योजनाओं में मात्र 40 प्रतिशत काम करने के बाद 100 प्रतिशत भुगतान ले लिया है.
‘मुख्यमंत्री पेयजलापूर्ति योजना’ के तहत वर्ष 2011-12, 2012-13 व 2013-14 में धनबाद के निरसा व गोविंदपुर प्रखंड में 313 उच्च प्रवाही नलकूप, 3018 साधारण नलकूप और 760 शॉक पिट निर्माण की योजना तैयार की गयी थी. योजना का सोशल ऑडिट कराये जाने पर पता चला कि केवल 40 प्रतिशत काम के बाद संवेदकों को पूरा भुगतान कर दिया गया है.
योजना के तहत उच्च प्रवाही नलकूप लगाने के लिए विभिन्न ठेकेदारों को 4.85 करोड़, साधारण नलकूप लगाने के लिए 1.65 करोड़ और शॉकपिट निर्माण के लिए 4.94 करोड़ का भुगतान किया गया था. एसीबी की जांच होने पर कई लोग गिरफ्त में आ सकते हैं.
निगरानी विभाग दर्ज कर चुका है प्राथमिकी
उक्त मामले में शिकायत के आधार पर निगरानी विभाग प्राथमिकी दर्ज कर चुका है. इनमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजय कुमार झा, प्रमोद कुमार, तत्कालीन सहायक अभियंता दयाशंकर प्रसाद, तत्कालीन कनीय अभियंता सुमेश्वर मिश्रा, वंशनारायण राम, तत्कालीन प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी जेम्स विलियम टोपनो के अलावा विनोद कुमार, मेसर्स विनोद इंटरप्राइजेज, धनबाद, मेसर्स शिवपूजन प्रसाद, धनबाद के संवेदक चंद्रशेखर झा, सियाराम राय और संवेदक मेसर्स राज कंस्ट्रक्शन, धनबाद समेत कई को आरोपी बनाया गया है.