Jharkhand News: अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह हत्याकांड मामले में 5 लोग दोषी करार, 18 जुलाई को होगा फैसला
अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह हत्याकांड मामले में अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 5 लोगों को दोषी करार किया है. जिसकी सुनवाई 28 जुलाई को होगी. जबकि दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी करा दिया गया है
रांची : रांची अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या के पांच अभियुक्त राम पाहन, शिवम कुमार, सतीश कुमार पाठक, राजा कुमार साहू व सतीश मुंडा को दोषी करार दिया है. अदालत ने उनकी सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तिथि निर्धारित की है. दो आरोपी रोहित कुमार तिर्की और शंकर राम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. सात आरोपियों पर मृतक के पुत्र अभिषेक सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
मामले में सात आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. दोषी करार होने के बाद पांचों अभियुक्तों को अदालत के आदेश पर हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया़ इस मामले में 19 दिसंबर 2020 को उक्त सात आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन हुआ था़ जबकि, 29 दिसंबर 2021 को आरोपियों का बयान दर्ज किया गया था़ अधिवक्ता की हत्या के लिए अपराधियों को सात लाख की सुपारी दी गयी थी़
ज्ञात हो कि नौ दिसंबर 2019 को कांके के सर्वोदय नगर में रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या उनके घर के सामने कर दी गयी थी़ 16 दिसंबर को पुलिस ने मामले का खुलासा किया था़ पुलिस के मुताबिक हत्या के पीछे की मुख्य वजह गोंदा थाना क्षेत्र में स्थित दो एकड़ 96 डिसमिल जमीन थी़ पुलिस ने हत्याकांड में शामिल सात अपराधियों को गिरफ्तार किया.
इनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, कारतूस, मोबाइल और बाइक बरामद किये गये थे. रांची के तत्कालीन ग्रामीण एसपी ऋषभ झा ने बताया था कि जमीन को लेकर बिरसा उरांव और राम पाहन के बीच विवाद था. वर्ष 2009 में रामप्रवेश सिंह ने बिरसा उरांव से जमीन अपने परिचितों को बेचवा दिया था. इसके बाद से ही राम पाहन उनका दुश्मन बन गया था.
उसने रामप्रवेश सिंह की हत्या के लिए सतीश मुंडा और शिवम कुमार को सात लाख रुपये की सुपारी दी. राम पाहन से सात लाख लेने के बाद सतीश मुंडा और शिवम कुमार ने हजारीबाग के सतीश पाठक और रोहित को अधिवक्ता की हत्या के लिए सुपारी दी थी.