रांची : हथियार बरामदगी मामले में राज्य की एटीएस टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में रविवार की शाम में सादे लिबास में दो महिला पुलिसकर्मी सहित एटीएस की 10 सदस्यीय टीम खलारी थाना क्षेत्र स्थित राय पहुंची. वहां पर टीम के सदस्य संदिग्ध गतिविधियों में शामिल महबूब आलम उर्फ नेपाल के घर गये. उसकी पत्नी नूरजहां की मौजूदगी में घर की तलाशी शुरू की.
टीम के सदस्य महबूब को खोज रहे थे कि इसी क्रम में बड़ी तादाद में लोग जुट गये. लोगों ने सादे लिबास में पहुंचे पुलिसवालों से पहले बकझक शुरू की. फिर हमला कर दिया और उनकी पिटाई कर दी. इसमें बलराम राणा और सीताराम लकड़ा नामक दो पुलिसकर्मी घायल हो गये. वहीं इनमें से एक पुलिसकर्मी की पिस्टल भी ग्रामीणों ने छीन ली. वहीं टीम को बंधक बना लिया. एटीएस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर नीरज कुमार कर रहे थे.
पुलिसवालों के साथ हुई घटना की सूचना पर खलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी तीन थानों का पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे. उन्होंने बंधक बनाये गये दस एटीएस कर्मियों को मुक्त कराया. इसके बाद एटीएस टीम को खलारी थाना लाया गया. वहीं घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया. समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी की कवायद की जा रही थी. महबूब आलम के बारे में पुलिस वालों का कहना था कि इसकी गतिविधि संदिग्ध है. यह पीएलएफआइ और अमन श्रीवास्तव गैंग से जुड़ा है. हालांकि इसकी पत्नी कहती है कि पति रांची में किसी आइटीआइ इंस्टीट्यूट का एडमिशन इंचार्ज है.
मामले में आरोपी महबूब आलम उर्फ नेपाली की पत्नी नूरजहां ने आरोप लगाया है कि एटीएस ने उसके साथ मारपीट कर उसका मोबाइल फोन छीन लिया. तलाशी के दौरान घर को अस्त-व्यस्त कर उसके शादी के गहने ले लिये. एटीएस की टीम शाम छह बजे घर पहुंच गयी थी. वह घर में अकेली थी.
एटीएस अपनी सही पहचान भी नहीं बता रही थी. कभी खलारी पुलिस तो कभी रांची पुलिस बता रही थी. टीम के सदस्य उसके पति का लोकेशन बताने का दबाव बना रहे थे. जानकारी के अनुसार, इस बीच जब ग्रामीणों को इसकी भनक लगी, तो वे घर के सामने जमा हो गये. एटीएस की टीम ने ग्रामीणों को वहां से हटाने के लिए पिस्टल तान दी. इससे ग्रामीण भड़क गये और उनके हथियार छीन उनकी जमकर पिटाई कर दी. बाद में खलारी डीएसपी की पहल पर हथियारों को बरामद कर एटीएस की टीम को मुक्त करा लिया गया.
Posted by : Sameer Oraon