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इन 5 जिलों की छोड़ झारखंड अपराध नियंत्रण में फिसड्डी, पूर्वी सिंहभूम की स्थिति तो सबसे खराब

अपराध नियंत्रण में सबसे खराब स्थिति पूर्वी सिंहभूम जिले की है. यहां हत्या की घटना को छोड़ कर पुलिस सभी गंभीर अपराधों को नियंत्रित करने में पूरे राज्य में सबसे पीछे है

झारखंड के 24 जिलों में से 19 जिले की पुलिस गंभीर अपराध नियंत्रण में पिछड़ गयी है, जबकि गढ़वा, रामगढ़, देवघर, पाकुड़ और चतरा जिले की पुलिस इसमें सबसे माहिर साबित हुई है. इसमें भी रामगढ़ और गढ़वा जिले की सफलता सौ फीसदी के करीब है. इसकी पुष्टि पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों में वर्ष 2020 जनवरी से लेकर अगस्त 2022 तक गंभीर अपराधों को लेकर तैयार किये गये आंकड़ों से होती है. गंभीर अपराध में हत्या, डकैती, लूट, गृहभेदन, फिरौती के लिए अपहरण और रेप की घटनाएं शामिल हैं. दूसरी ओर अन्य राज्य के 19 जिलों में विभिन्न आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं.

पूर्वी सिंहभूम की स्थिति सबसे खराब : अपराध नियंत्रण में सबसे खराब स्थिति पूर्वी िसंहभूम जिले की है. यहां हत्या की घटना को छोड़ कर पुलिस सभी गंभीर अपराधों को नियंत्रित करने में पूरे राज्य में सबसे पीछे है. आंकड़ों के अनुसार, यहां 2020 में डकैती की दो और 2021 में चार घटनाएं हुई थीं, जबकि अगस्त 2022 तक सात घटनाएं हो चुकी हैं.

इसी तरह लूट की घटना 2020 में 25 और 2021 में 140 हुई थी. लेकिन अगस्त 2022 तक 122 घटनाएं हो गयीं. गृहभेदन की घटनाएं 2020 में 88 और 2021 में 128 हुई थी, जबकि 2022 अगस्त तक 94 हो चुकी है. पिछले दो साल में जमशेदपुर में फिरौती के लिए कोई अपहरण नहीं हुआ था, लेकिन इस वर्ष एक घटना हो चुकी है. इसके अलावा रेप की 104 घटना 2020 में और 2021 में 93 घटनाएं हुई थीं. लेकिन 2022 में 69 घटनाएं हो चुकी हैं. आंकड़ों के अनुसार, पलामू, धनबाद, रांची और लातेहार जिले की पुलिस फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं को रोकने में पीछे रही है.

कैसे अपराध को रोकने में किस जिला की पुलिस पीछे

  • रांची पुलिस फिरौती के अपहरण को रोकने में पीछे : जिला में 2020 में कुल तीन घटनाएं हुई थीं. वर्ष 2021 में एक और वर्ष 2022 में तीन घटनाएं हो चुकी हैं.

  • रेप को रोकने में दुमका और गोड्डा पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में 32, 2021 में 27 घटनाएं हुई थीं. लेकिन 2022 में 29 घटनाएं हो चुकी हैं. इसी तरह वर्ष 2020 में गोड्डा में 45,2021 में 53 घटनाएं हुई थीं. लेकिन इस वर्ष अब तक 54 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • खूंटी पुलिस हत्या, गृहभेदन और रेप को रोकने में पीछे : यहां हत्या की घटना वर्ष 2020 में 78, 2021 में 67 और 2022 में 45 हो चुकी है. इसी तरह वर्ष 2020 में गृहभेदन की 19, 2021 में 13 और 2022 में 13 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • लूट और रेप को रोकने में गुमला पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में लूट की 24, 2021 में 9 और 2022 में 11 घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि वर्ष 2020 में रेप की 91, 2021 में 73 और 2022 में 74 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • हत्या, लूट और गृहभेदन को रोकने में सिमडेगा पुलिस पीछे : यहां 2020 में हत्या की 53, 2021 में 38 और 2022 में 35 घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि वर्ष 2020 में लूट की छह, 2021 में सात और 2022 में पांच घटनाएं हो चुकी हैं. इसी तरह गृहभेदन में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि 2020 में पांच, 2021 में 12 और 2022 में 15 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • लूट की घटनाएं रोकने में लोहरदगा पुलिस पीछे : यहां 2020 में 13, 2021 में छह और 2022 में छह घटनाएं हो चुकी हैं.

  • सरायकेला हत्या को रोकने में पीछे : यहां वर्ष 2020 में 51 और 2021 में 64 हत्या की घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस वर्ष 51 हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं.

  • चाईबासा डकैती को रोकने में पीछे : वर्ष 2020 में यहां डकैती की तीन और 2021 में दो घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस वर्ष तीन हो चुकी है.

  • फिरौती के लिए अपहरण व गृह भेदन रोकने में पलामू पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में चार और 2021 में छह फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं हुई थीं. लेकिन 31 अगस्त 2022 तक छह घटनाएं हो चुकी हैं. 2020 में गृहभेदन की 75,2021 में 84 और 2022 में 70 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • लातेहार पुलिस हत्या और फिरौती के लिए अपहरण रोकने में पीछे : यहां वर्ष 2020 में 67 और 2021 में 48 हत्या की घटनाएं हुई थीं. लेकिन 2022 में 31 हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं. इसी तरह पिछले दो साल में फिरौती के लिए अपहरण के कुल तीन मामले हुए थे, जबकि इस वर्ष ही तीन हो चुके हैं.

  • लूट की घटना रोकने में हजारीबाग पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में लूट की 28 और 2021 में 30 घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष अब तक 23 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • गृहभेदन और रेप को रोकने में कोडरमा पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में गृहभेदन की 17 व 2021 में 16 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2022 में 20 घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं रेप की 30 घटनाएं 2020 में और 2021 में 23 घटनाएं हुई थीं. लेकिन वर्ष 2022 में 22 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • गृहभेदन रोकने में गिरिडीह पीछे : यहां वर्ष 2020 में 68 और 2021 में 32 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2022 में 42 घटनाएं हो चुकी हैं.

  • फिरौती के लिए अपहरण रोकने में धनबाद पुलिस पीछे : यहां वर्ष 2020 में एक और 2021 में दो घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2022 में दो घटनाएं हो चुकी हैं.

  • लूट रोकने में बोकारो

  • पुलिस पीछे : यहां लूट की 13- 13 घटनाएं पिछले दो साल में हुई थीं, लेकिन इस वर्ष 14 हो चुकी है.

  • डकैती रोकने में जामताड़ा पीछे : यहां पिछले दो वर्ष सिर्फ चार घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस वर्ष आठ घटनाएं हो चुकी हैं.

  • डकैती व लूट रोकने में साहिबगंज पुलिस पीछे : यहां डकैती की आठ घटनाएं 2020 में और 2021 में दो घटनाएं हुई थीं. लेकिन 2022 में तीन घटनाएं हो चुकी हैं. इसी तरह 2020 में 21 और 2021 में 10 घटनाएं लूट की हुई थीं. लेकिन 2022 में 14 घटनाएं हो चुकी हैं.

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