रांची : राजभवन को राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में चल रही जांच से संबंधित पांच आइएएस के बारे में रिपोर्ट भेजी गयी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक केके खंडेलवाल के खिलाफ बिहार में वर्ष 1999 में मामला दर्ज है. बिहार से इस संबंध में 13 बार पत्राचार कर अद्यतन स्थिति मांगी गयी है, लेकिन अब तक जवाब नहीं मिला है.
आइएएस सुनील कुमार और के श्रीनिवासन के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. जबकि आइएएस छविरंजन के खिलाफ 26 अक्तूबर 2016 को ही न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है. आइएएस मनोज कुमार के खिलाफ वर्ष 2017 में प्रशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गयी है, जो अब तक लंबित है. अब राजभवन द्वारा मामलों की समीक्षा की जायेगी. इसके बाद केंद्र को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जायेगी.
इन दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड रांची में पीई संख्या 17/12 दर्ज थी. झारखंड उच्च न्यायालय रांची के आदेशानुसार समान मामले में ब्यूरो में 10 कांड अंकित हुए. इनमें के श्रीनिवासन और सुनील कुमार नामजद अभियुक्त नहीं हैं अौर न ही अनुसंधान के क्रम में दोनों के विरुद्ध कोई साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.
इनके विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बिहार, पटना में निगरानी जांच संख्या एएस 01/99 के तहत विभिन्न आरोपों में लंबित होने की सूचना है. इस संदर्भ में अद्यतन स्थिति प्राप्त करने के लिए ब्यूरो द्वारा पुलिस अधीक्षक निगरानी ने अन्वेषण ब्यूरो पटना से 13 बार पत्राचार किया है, लेकिन अद्यतन स्थिति अप्राप्त है.
नगर निगम में जब मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर थे, उस समय इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड रांची में पीइ संख्या 17/15 अंकित थी. श्री कुमार के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए उनके प्रशासी विभाग के प्रधान सचिव को ब्यूरो द्वारा चार मई 2017 को ही लिखा गया है.
इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड में निगरानी थाना कांड संख्या 76/15 दिनांक 25.12.2015 दर्ज किया गया है. अनुसंधान के बाद मामले में आरोप पत्र 26 अक्तूबर 2016 को न्यायालय में समर्पित किया गया है.
Posted By: Sameer Oraon