भाई-बहन हत्याकांड रांची: आरोपी अर्पित के नाम पर गवाह चंदा ने साधी चुप्पी, अब क्या होगा पुलिस का कदम?
रांची के पंडरा में भाई बहन हत्याकांड मामले की चश्मदीद गवाह चंदा दोनों बार पुलिस के सामने आरोपी का नाम नहीं लिया. इस मामले में पंडरा थाना प्रभारी का कहना है कि घटना के बाद चंदा देवी खुद घायल थी. और वह सदमे में है
रांची: पंडरा ओपी क्षेत्र के जनक नगर रोड नंबर चार में भाई प्रवीण सिंह व बहन श्वेता सिंह हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी अर्पित अर्णव को पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार करने का दावा किया है. घटना की एकमात्र चश्मदीद चंदा देवी से घटना के बाद पुलिस ने पूछताछ की थी. वहीं कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष बयान भी दर्ज कराया था. लेकिन दोनों ही बार चंदा देवी ने अर्पित का नाम नहीं लिया था.
इस बाबत पूछे जाने पर पंडरा ओपी प्रभारी चंद्रशेखर ने कहा कि घटना के बाद चंदा देवी खुद भी घायल थीं. बेटा-बेटी की मौत से सदमे में थी. वह इशारे में चीजें बयां कर रही थीं. ऐसा चंदा देवी क्यों कर रही थी, इस पर उन्होंने कहा है कि संभव है कि बेटी के रिश्ते के कारण पारिवारिक प्रतिष्ठा बचाना चाहती हो. लेकिन अब उनका फिर से न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराया जायेगा.
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चंदा के खाते से अर्पित के एकाउंट में पैसा हुआ था ट्रांसफर
पुलिस की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने दावा किया कि उन्होंने जांच के दौरान यह पाया है कि चंदा देवी के बैंक खाते से एक लाख रुपये अर्पित के बैंक खाते में ट्रांसफर हुआ था. लेकिन यह पैसा चंदा ने ट्रांसफर नहीं किया था. पैसा श्वेता ने ट्रांसफर किया था. अर्पित शेयर ट्रेडिंग का काम करता था. हो सकता है कि शेयर में निवेश किया गया होगा. जब समय पर उक्त पैसा अर्पित ने नहीं दिया था, तब श्वेता के एक रिश्तेदार ने फोन पर अर्पित को धमकाया था. इसके बाद अर्पित ने पैसा वापस किया था.
रोहन के जेल जाने के बाद अर्पित से श्वेता का हुआ था संपर्क
पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि श्वेता का सबसे पहले रोहन के साथ प्रेम प्रसंग था. पता चलने पर रोहन के साथ श्वेता के एक रिश्तेदार ने तब मारपीट की थी. बाद में चंदा देवी के घर में चोरी हुई थी. उसमें भी आरोप रोहन पर ही लगाया जा रहा था. लेकिन उस वक्त रोहन जेल में था. इसलिए पुलिस ने उसके खिलाफ कुछ नहीं किया. रोहन के जेल जाने के बाद श्वेता अर्पित के संपर्क में आयी थी. घटना के बाद चंदा देवी और उनके भाई पवन सिंह ने रोहन सहित दो अन्य युवक का नाम लिया था. इस आधार पर पुलिस ने रोहन से पूछताछ की. उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर उसे जेल नहीं भेजा.
घटना में राेहन सहित तीन लोग शामिल थे, पुलिस कर रही लीपा-पोती
इधर, पवन सिंह ने कहा कि उनकी बहन चंदा देवी अभी भी अपने पूर्व के बयान पर कायम है़ घटना में रोहन सहित तीन लोग शामिल थे. लेकिन पुलिस ने रोहन को छोड़ दिया. पुलिस मामले की लीपा-पोती कर रही है. यह समझ से परे है़ उन्होंने कहा कि बहन ने झगड़ा के दौरान रोहन के चेहरे से रूमाल हटा दिया था और बोला था कि तुम यहां क्या कर रहे हो़ अर्पित को तो वह पहचानती भी नहीं. उसके साथ रोहन और एक हेल्दी लड़का भी था. कोई भी अकेले इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सकता. पूरे परिवार को अकेले अर्पित अर्णव द्वारा घटना को अंजाम देने की बात पच नहीं रही है़ अर्पित अर्णव क्यों अपने ऊपर हत्या का इल्जाम ले रहा है. यह भी समझ से परे है़
Posted By: Sameer Oraon