रांची विश्वविद्यालय में 109 करोड़ की अनियमितता का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि एक बार फिर रांची विवि, रांची वीमेंस कॉलेज व साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग में 4,15,29,075 रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ है. गबन की राशि का आकलन वर्ष 2000 से मई 2010 तक के बीच का बताया जाता है. यह मामला राज्य सरकार के वित्त विभाग की ऑडिट टीम ने पकड़ा है.
वित्त विभाग ने गबन की राशि पर विशेष ध्यान देते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. अब उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की समीक्षा करने का निर्णय लिया है, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके. विभाग ने रांची विवि सहित डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार, रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के अवर सचिव को समीक्षा बैठक में सभी कागजात के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
ऑडिट में दर्शाये गये बिंदुओं पर अनुपालन की रिपोर्ट मांगी : विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, संबंधित रजिस्ट्रार और प्राचार्या को ऑडिट टीम द्वारा दर्शाये गये बिंदुओं पर अगर अनुपालन किया गया है, तो इसकी भी विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. विवि, कॉलेज व विभाग द्वारा की गयी वित्तीय गड़बड़ी की समीक्षा वित्त मंत्री ने भी की है. उन्होंने वित्त (ऑडिट) विभाग की टीम द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं करने पर अक्तूबर 2022 में समीक्षा बैठक भी बुलायी थी.
नाम ऑडिट का समय गबन की राशि (रुपये में)
रांची विवि 12.04.2010 20078683.00
रांची विवि 2003-2004 से मई 2010 13198183.00
रांची वीमेंस कॉलेज 2006-2007 से 2007-2008 7382531.00
साइंस एंड टेक्नोलॉजी 2000-2001 से 2001-2002 847823.00
साइंस एंड टेक्नोलॉजी 2002-2003 से 2003-2004 21855.00