केनरा बैंक रांची की तिजोरी से कई जिलों के बैंकों को भेजी गयी रकम में से 100 और 500 रुपये के जाली नोट मिले हैं. आरबीआइ की पटना शाखा की प्रारंभिक जांच में इसका खुलासा हुआ है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आरबीआइ की प्रबंधक शोभावती देवी ने रांची पुलिस को पत्र लिखकर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने का अनुरोध किया है. आरबीआइ की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि केनरा बैंक रांची की तिजोरी से सितंबर 2022 में विभिन्न जिलों के बैंकों को पैसे भेजे गये थे.
इसमें से एसबीआइ गोड्डा शाखा के पैसे की तिजोरी से 100 रुपये के दो नोट, बैंक ऑफ इंडिया लोहरदगा शाखा की मुद्रा तिजोरी से 100 रुपये के दो व 500 रुपये का एक नोट और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जमशेदपुर शाखा की मुद्रा तिजोरी से 100 रुपये का एक जाली नोट मिला है. आरबीआइ के मुताबिक जो जाली नोट मिले हैं,
उनकी क्रम संख्या को एनसीआरबी पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. इस आधार पर यूनिक रिफ्रेंस क्राइम नंबर जेनरेट हुआ है. प्रबंधक ने पत्र में कहा है कि भारतीय मुद्रा के जाली नोटों का मुद्रण और संचालन आइपीसी की धारा 489ए से 496इ के तहत अपराध है. इसलिए मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की समाप्ति के बाद रिपोर्ट व जाली नोट आरबीआइ पटना को भेजें.
बैंक के सर्कुलेशन सिस्टम तक जाली नोट पहुंच जाने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. एक आशंका तो यह है कि यह जालसाजी का परिणाम हो सकता है. इसमें कई लोगों की मिलीभगत हो सकती है. हालांकि दूसरी संभावना यह भी है कि काउंटर पर बैठे कर्मचारी नोटों की जांच किये बिना उसे जमा ले रहे हैं. इस मामले में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी का कहना है कि जाली नोटों की पहचान के लिए कर्मचारियों का उचित प्रशिक्षण जरूरी है.
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एसबीआइ गोड्डा, बीओआइ लोहरदगा व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जमशेदपुर को भेजी गयी रकम में मिले हैं जाली नोट
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आरबीआइ प्रबंधक ने रांची पुलिस को पत्र लिखकर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान का अनुरोध किया