Jharkhand: रांची में फंदे से लटकी मिली युवती, पिता ने कहा- दुष्कर्म के बाद हुई हत्या, पुलिस ने दिया ये तर्क
पिता के मुताबिक, रविवार की सुबह 7:15 बजे उनकी पत्नी ने बेटी को खाना बनाने को कहा और खुद बुधिया बागान में काम करने चली गयी. वह मॉर्निंग वॉक करने घर से निकल गये
राजधानी रांची के प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़नेवाली 19 वर्षीय इंटर की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. उसका शव फंदे से कमरे में लटका मिला. वह मूलत: पलामू की रहनेवाली थी. वर्तमान में छात्रा व उसके परिवार के सदस्य रुदिया में मनोज कुमार तिग्गा के घर में किराये पर रह रहे थे. इस संबंध में मृतका के पिता ने पड़ोसी सनी थापा, योगेश थापा (पिता : टेक बहादुर थापा) व उसके दोस्तों पर सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.
पिता के मुताबिक, रविवार की सुबह 7:15 बजे उनकी पत्नी ने बेटी को खाना बनाने को कहा और खुद बुधिया बागान में काम करने चली गयी. वह मॉर्निंग वॉक करने घर से निकल गये. वह जब टहल कर लौटे, तो देखा कि बाहर से घर का दरवाजा बंद है. वह जब दरवाजा खोलकर अंदर गये, तो देखा कि काले रंग के दुपट्टे को फंदा बना बेटी लटकी हुई है.
वह साइकिल से बुधिया बगान गये और पत्नी को घटना की सूचना दी. वहां से आने के बाद शव को फंदे से उतार कर बेड पर रखा और पुलिस को सूचना दी. पिता ने यह भी कहा है कि आरोपियों ने एक दिन पूर्व लड़की को उठा लेने की धमकी दी थी. मृतका की मां ने बताया कि उक्त आरोपियों ने उसके घर के बगल में एक बजे रात तक आग जलाकर अड्डेबाजी की थी. सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच की. शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया गया.
मुखिया ने मंगलवार को किया महापंचायत का ऐलान
मेसरा पूर्वी के मुखिया कुशल मुंडा ने घटना को लेकर मंगलवार को महापंचायत का ऐलान किया है. इसमें कई गावों के लोग शामिल होंगे. उधर, आरपीआई आंबेडकर के प्रदेश महासचिव प्रीतम सांढ़ लोहरा ने प्रशासन को 24 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं : सांसद
भाजपा के प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सांसद प्रो आदित्य प्रसाद साहू ने घटना को लेकर कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं. उन्होंने प्रशासन से कहा है कि उच्चस्तरीय जांच करा दोषियों को फांसी की सजा दी जाये, अन्यथा सड़क पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.
पुलिस का तर्क : सामूहिक दुष्कर्म का मामला नहीं
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के प्रमाण नहीं मिले हैं. पुलिस का तर्क है कि छात्रा के कपड़े अस्त व्यस्त नहीं थे. जिस कमरे में छात्रा का शव मिला है उसके बगल में और भी कई किरायेदार रहते हैं. लेकिन किसी को घटना की भनक नहीं लगी. पिता ने भी जब छात्रा का शव देखा, तो हल्ला करने या पड़ोसियों को बताने की जगह साइकिल से पत्नी को बुलाने चले गये. पुलिस के आने से पहले छात्रा का शव फंदे से उतार दिया गया. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही साफ होगा कि दुष्कर्म हुआ या नहीं.