CM हेमंत का फर्जी साइन कर स्कूल में दाखिला के प्रयास में छात्र गिरफ्तार, नेतागिरी चमकाने के लिए किया ऐसा

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का फर्जी हस्ताक्षर कर आवासीय बालिका विद्यालय में नामांकन के प्रयास में छात्र नेता मुकेश कुमार महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने पूछताछ में बताया कि उसने छात्रा का एडमिशन करा कर सिर्फ अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए ऐसा किया था

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2022 10:11 AM

Jharkhand Crime News रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव का फर्जी हस्ताक्षर कर आवासीय बालिका विद्यालय में नामांकन के प्रयास में छात्र नेता मुकेश कुमार महतो (बुंडू निवासी)को गोंदा थाना पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने बुंडू में छापेमारी कर उसे पकड़ा. वहीं, मामले में साइबर कैफे संचालक असीत कुमार फरार (बुंडू निवासी) है. उसकी तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है.

पुलिस के अनुसार, मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से जानकारी मिलने के बाद मामले में जांच के लिए सनहा दर्ज किया गया था. इसके बाद गोंदा थाना के सब इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा को जांच की जिम्मेवारी दी गयी थी. उनकी जांच रिपोर्ट पर पांच मई को केस दर्ज किया गया था. जेल जाने से पहले छात्रा नेता ने बताया कि उसने छात्रा का एडमिशन करा कर सिर्फ अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए ऐसा किया था. इसके एवज में उसने कोई रुपये नहीं लिये थे.

छठी कक्षा में दाखिला के लिए फर्जीवाड़ा : पुलिस ने जांच में पाया गया कि मुख्यमंत्री या उनके वरीय आप्त सचिव ने कोई पत्र जारी नहीं किया. पुलिस को यह भी पता कि तमाड़ थाना क्षेत्र निवासी रमेश महतो की बेटी (पांचवीं की छात्रा) का छठी कक्षा में नामांकन के लिए ऐसा किया गया था. बच्ची वर्तमान में किशुनपुर में अपनी मामा गणेश महतो के पास रहती है. तब गणेश महतो से पूछताछ की गयी. उसने बताया कि वह दीपशिखा स्कूल में शिक्षक हैं.

उन्होंने अपनी भगिनी को जेल रोड स्थित राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय बालिका विद्यालय में छठी क्लास में एडमिशन कराने के लिए परीक्षा दिलायी थी. उसके फेल होने की वजह से वह परेशान था. तब उनकी मुलाकात बुंडू कॉलेज के छात्र नेता मुकेश कुमार महतो (पहले से परिचित) से हुई. उसने बताया कि मुख्यमंत्री के लेटर से नामांकन हो जायेगा. इसके लिए एक लेटर आपको मुख्यमंत्री सचिवालय में देना होगा.

इसके बाद गणेश महतो के नाम पर एक आवेदन मुकेश कुमार महतो ने मुख्यमंत्री सचिवालय में दिया. पुलिस ने मुकेश महतो से पूछताछ की, उसने बताया कि वह आवेदन का रिसिविंग कराने के बाद ओम साइबर कैफे बंडू गया था. वहां साइबर कैफे के संचालक असीत कुमार ने छात्रा का नामांकन के लिए मुख्यमंत्री के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर एक लेटरपैड दिया और व्हाट्सऐप पर कल्याण विभाग के उप निदेशक के पास भेज दिया. मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर एक लेटर तैयार करवा कर मुकेश कुमार महतो ने विकास आयुक्त कार्यालय में जमा किया. इस काम के लिए असीत कुमार ने सिर्फ 100 रुपये लिये थे.

Posted By: Sameer Oraon

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