झारखंड में सीनियर सिटीजन के खिलाफ बढ़ा अपराध, NCRB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

आंशिक रूप से 12 और गंभीर रूप से घायल 14 सीनियर सिटीजन के मामले सामने आये. वहीं 25 सीनियर सिटीजन के घरों में चोरी की वारदात भी हुई. सीनियर सिटीजन से जुड़े केस की बात करें, तो पिछले वर्षों में लंबित केस की संख्या 45 है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2023 1:41 AM
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प्रणव, रांची

झारखंड में सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या इससे ऊपर) के खिलाफ अपराध में पिछले दो वर्षों की तुलना में वर्ष 2022 में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. वर्ष 2020 में सीनियर सिटीजन के खिलाफ सिर्फ दो आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. जबकि 2021 में यह बढ़कर 32 पर पहुंच गया है. वहीं वर्ष 2022 में अप्रत्याशित रूप से यह बढ़कर 62 पर पहुंच गया. नेशनल क्राइम रिकाॅर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2022 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. वर्ष 2022 की बात करें, तो पांच सीनियर सिटीजन की हत्या हुई है. जबकि छह सीनियर सिटीजन पर हत्या का प्रयास किये जाने का मामला सामने आया है.

आंशिक रूप से 12 और गंभीर रूप से घायल 14 सीनियर सिटीजन के मामले सामने आये. वहीं 25 सीनियर सिटीजन के घरों में चोरी की वारदात भी हुई. सीनियर सिटीजन से जुड़े केस की बात करें, तो पिछले वर्षों में लंबित केस की संख्या 45 है. जबकि 2022 में 62 नये केस सामने आये हैं. इस तरह से अनुसंधान के लिए 107 केस लंबित हो गये. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान 10 केस को सही पाया, लेकिन मामले में कोई भी साक्ष्य नहीं जुटा सकी. वहीं पुलिस ने 13 मामलों में चार्जशीट किया. साथ ही पुलिस ने कुल 23 मामलों का निष्पादन किया.

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ट्रायल के लिए 27 केस लंबित

नेशनल क्राइम रिकाॅर्डस ब्यूरो के मुताबिक वर्ष 2022 में सीनियर सिटीजन से जुड़े ट्रायल के लिए कुल 13 केस भेजे गये. जबकि इससे पहले के वर्षों के 27 केस में ट्रायल लंबित है. पिछले वर्ष कोर्ट से एक आरोपी को दोषी करार दिया गया. जबकि 2022 में कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कुल 13 केस में कोर्ट में ट्रायल पूरा हो गया. वहीं कोर्ट ने 13 केस निष्पादित किया. इस तरह से सीनियर सिटीजन से जुड़े 27 केस में ट्रायल लंबित पाया गया.

सजा की दर 100 प्रतिशत रही

सीनियर सिटीजन से जुड़े मामले में पुलिस ने 16 पुरुष आराेपियों को गिरफ्तार किया. जबकि 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट किया. वहीं कोर्ट ने 13 आरोपियों को दोषी करार दिया. यानी सजा की दर 100 प्रतिशत रही.

अपराध चिंताजनक

2020 में सिर्फ दो अपराध

2021 में बढ़कर आंकड़ा 32 पर पहुंचा

2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 62 पर चला गया

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