रांची : भवन निर्माण निगम ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नीलम कंस्ट्रक्शन को दिया गया कार्यादेश रद्द कर दिया है. दस्तावेज की जांच के दौरान कंपनी को अनुभव प्रमाण पत्र जारी करनेवाले अधिकारी का पता-ठिकाना ही नहीं मिल सका. कंपनी ने बिहार एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण का काम समय से पहले पूरा करने का अनुभव प्रमाण पत्र जमा किया था.
भवन निर्माण विभाग ने चतरा आइटीआइ भवन के निर्माण के लिए टेंडर प्रकाशित किया था. इसमें चार कंपनियों ने हिस्सा लिया था. जिसमें बोकारो की हिमालया कंस्ट्रक्शन, पलामू की मीना कंस्ट्रक्शन, चतरा की नीलम कंस्ट्रक्शन और पलामू के मेसर्स सीथ कुमार शामिल हैं. संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी टेंडर कमेटी ने इन कंपनियों द्वारा दिये गये बिड की जांच की.
फरवरी 2022 में टेंडर का बिड खुला. तकनीकी जांच के दौरान मीना कंस्ट्रक्शन को अयोग्य घोषित कर दिया गया. हिमालया कंस्ट्रक्शन ने अपना बिड वापस लेने का अनुरोध किया. टेंडर प्रक्रिया के बीच में बिड वापस लेने का अनुरोध करनेवाली इस कंपनी का बिड ही कमेटी ने नहीं खोला. इससे टेक्निकल बिड के दौरान ही चार में से दो कंपनियां बाहर हो गयीं. बाकी बची दो कंपनियों का वित्तीय बिड खुला.
नीलम कंस्ट्रक्शन ने 7.47 करोड़ और मेसर्स सीथ कुमार ने 7.60 करोड़ रुपये में निर्माण कार्य का प्रस्ताव दिया था. इसलिए नीलम कंस्ट्रक्शन को एल-वन घोषित किया गया. निगम से नेगोशिएशन के बाद नीलम कंस्ट्रक्शन ने 6.91 करोड़ रुपये में निर्माण कार्य करने पर सहमति दी. इसके बाद उसे वर्क ऑर्डर दिया गया.
निगम ने वर्क ऑर्डर जारी करने के बाद नीलम कंस्ट्रक्शन द्वारा जमा किये गये प्रमाण पत्र की जांच शुरू की. नीलम कंस्ट्रक्शन ने बिहार एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रशासनिक भवन निर्माण का काम समय से पहले पूरा करने से संबंधित अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था. बिहार कृषि विवि (सबौर) के उपनिदेशक के कार्यालय से जारी इस प्रमाण पत्र में उल्लेख था कि झारखंड(चतरा) के नीलम कंस्ट्रक्शन ने एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य समय से पहले पूरा किया था.
Posted by: Sameer Oraon