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Exclusive : खेलगांव में लाखों के फ्लैट पर अफसरों और कर्मियों का कब्जा, IAS और सेक्रेटरी तक के नाम आ रहे सामने

इसमें आइएएस संजीव बेसरा से लेकर पर्यटन विभाग की सचिव पूजा सिंघल के ड्राइवर तक के नाम शामिल हैं. आरटीआइ कार्यकर्ता प्रेम वर्मा ने दो मार्च को इसकी शिकायत विभाग की सचिव पूजा सिंघल को पत्र लिखकर दी है और जांच की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2021 8:32 AM

Jharkhand News, Ranchi News, Khelgaon Flat Capture cases in jharkhand रांची : होटवार स्थित खेलगांव हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के दर्जनों फ्लैट पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य विभाग या स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ झारखंड से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों को अवैध तरीके से रहने के लिए दिये गये हैं.

इसमें आइएएस संजीव बेसरा से लेकर पर्यटन विभाग की सचिव पूजा सिंघल के ड्राइवर तक के नाम शामिल हैं. आरटीआइ कार्यकर्ता प्रेम वर्मा ने दो मार्च को इसकी शिकायत विभाग की सचिव पूजा सिंघल को पत्र लिखकर दी है और जांच की मांग की है.

खेलगांव हाउसिंग सोसाइटी के सेक्टर तीन के ब्लॉक-1 व ब्लॉक-2 और इसी तरह के चार अन्य टावरों पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ झारखंड (साझा) का स्वामित्व है. इसमें चार टावर आइआइएम, रांची को मासिक किराये पर दिये गये हैं, जबकि इनमें से दो टावर सीधे साझा के नियंत्रण और देखरेख में हैं. इन्हीं दो टावरों में असली खेल हो रहा है. यहां ब्लॉक -1 और ब्लॉक – 2 के फ्लैटों पर अवैध तरीके से विभाग से जुड़े लोगों का दखल है. इसमें निदेशक स्तर के अधिकारी से लेकर प्लंबर तक का नाम शामिल है.

सरकारी खजाने को लगा रहे लाखों की चपत

विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पिछले कई वर्षों से सरकारी खजाने को हर साल सात लाख रुपये से ज्यादा की चपत लगा रहे हैं. इन अधिकारियों और कर्मियों ने अपने नाम पर सरकारी आवास का आवंटन नहीं करा रखा है और सरकारी खजाने से हर महीने हजारों रुपये का मकान किराया भत्ता ले रहे हैं.

कई बार यह मामला विभाग की जानकारी में आ चुका है, लेकिन आज तक इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं हुई. हर बार बस आंतरिक जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है. इसमें कर्मचारियों के मौखिक जवाब के आधार पर अधिकारी रिपोर्ट देते हैं कि क्वार्टर का आवंटन है या नहीं.

अधिकारी कर रहे कब्जे से इनकार

खेलगांव हाउसिंग सोसाइटी के जिन टावरों पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी का अधिकार है, उनमें किसी का अवैध कब्जा नहीं है. मेरी जानकारी में कुछ खाली अनफर्नीस्ड फ्लैट का वहां काम करनेवाले कर्मचारियों के द्वारा उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कुछ फ्लैटों को सोसाइटी में रहनेवाले लोगों से तय शुल्क लेकर विभिन्न प्रयोजन के लिए उपलब्ध कराया जाता है.

वर्तमान में किसी को भी नि:शुल्क आवंटन नहीं किया गया है. अगर इन तथ्यों में कोई भी सत्यता है, तो हम शिकायतों की जांच कराने के बाद उपयुक्त कार्रवाई करेंगे.-जिशान कमर

निदेशक, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ झारखंड

Posted By : Sameer Oraon

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