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झारखंड पुलिस के काले कारनामे, निर्दोष को दिला रहे सजा, तो कहीं आरोपियों को बचाने की हो रही कोशिश

झारखंड पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वजह है कहीं निर्दोष को जेल में रखा जा रहा तो कहीं आरोपी पुलिसकर्मी का बचाव किया जा रहा.

रांची: समय-समय पर ऐसे मामले समाने आते हैं, जिससे पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं. बिना ठोस साक्ष्य के किसी निर्दोष को गिरफ्तार कर 19 महीने तक जेल में रखना, दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय आरोपी पुलिसकर्मी का बचाव करना और दागी पुलिस पदाधिकारी को महत्वपूर्ण थाने का प्रभार सौंपना इसकी बानगी भर हैं.

जिस पर था हत्या का आरोप, उसे पांच दिन की पूछताछ के बाद छोड़ दिया

नगड़ी पुलिस की लापरवाही के कारण हत्या के आरोप में निर्दोष सूरज सोनी 19 महीने जेल में रहा. गुरुवार को अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार सोनी की अदालत ने उसे साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. उसे विमल महतो उर्फ तुतु महतो की हत्या के आरोप में पुलिस ने 12 सितंबर 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. मामले में अधिवक्ता राहुल पांडेय व राकेश तिवारी ने पैरवी की. विमल महतो उर्फ तुतु महतो के भाई बरजू महताे ने कल्लू उर्फ सूरज सोनी तथा प्रिंस सोनी (दोनों गुमला निवासी) पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसके बाद भी पुलिस ने नगड़ी निवासी सूरज सोनी को को गिरफ्तार कर लिया. बताया गया कि इस मामले में कल्लू उर्फ सूरज सोनी को नगड़ी पुलिस लायी थी और पांच दिन तक हाजत में भी बंद रखा, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया.

चार्जशीटेड दारोगा को बना बना दिया थाना प्रभारी

गैंगस्टर अमन साव उर्फ अमन साहु को न्यायिक हिरासत में रहते हुए थाना के अतिथि कक्ष से भगाने के मामले में बड़कागांव के तत्कालीन थाना प्रभारी सह दारोगा मुकेश कुमार के खिलाफ सीआइडी ने चार्जशीट किया था. इन्हें गुरुवार को हजारीबाग के गोरहर थाना का प्रभारी बनाने का आदेश जारी किया गया है. वह झारखंड पुलिस एसोसिएशन के हजारीबाग शाखा के सचिव भी हैं.

अमन साव को 27 सितंबर 2019 की रात बड़कागांव थाना के अतिथि कक्ष से भगाया गया था. इस मामले में तत्कालीन डीआइजी एवी होमकर ने मुकेश कुमार को बर्खास्त कर दिया था. बाद में तत्कालीन प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने मुकेश कुमार की सेवा बहाल कर दी थी. इसके बाद इनका तबादला गुमला कर दिया गया था. लेकिन पुलिस एसोसिएशन का सचिव होने के कारण इनका तबादला वापस हजारीबाग जिला में कर दिया गया था.

दुष्कर्म पीड़िता को केस हटाने के लिए धमका रहा दारोगा

दुष्कर्म पीड़ित युवती को धमकी दी जा रही है कि वह केस वापस नहीं लेती है, तो उसकी हत्या कर दी जायेगी. पीड़िता का आरोप है कि लालपुर थाना में सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित रहे शशांक कुमार उसे यह धमकी दिलवा रहे हैं. पीड़िता यह भी आरोप लगा रही है कि लालपुर पुलिस उसकी ओर से दर्ज कराये गये केस का अनुसंधान भी ठीक से नहीं कर रही है.

पीड़िता ने सीआइडी डीजी से पूरे मामले की लिखित शिकायत की है. संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही सीआइडी इस मामले में जांच शुरू कर सकती है. पीड़िता ने सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता को लिखित जानकारी दी है कि लालपुर थाना में पदस्थापित रहे सब इंस्पेक्टर शशांक कुमार से उसकी बातचीत मोबाइल फोन खो जाने से संबंधित केस को लेकर शुरू हुई थी.

इसके बाद सब इंस्पेक्टर हमेशा उसे फोन करने लगा. फिर उसने शादी का प्रलोभन देकर कई बार यौन शोषण किया. जब युवती गर्भवती हो गयी, तब शशांक कुमार ने युवती से लालपुर थाना के ही मंदिर में शादी कर ली. बाद में उसने बहाना बनाकर युवती को अपने साथ नहीं रख कर वापस हॉस्टल छोड़ दिया. इसके बाद दूसरी युवती से शादी कर ली. तब युवती ने दुष्कर्म के आरोप में शशांक कुमार के खिलाफ आठ दिसंबर 2022 को लालपुर थाना में केस दर्ज कराया. अब आरोपी द्वारा युवती को केस उठाने के लिए धमकी दी जा रही है.

युवती ने लिखित शिकायत में यह भी बताया है कि सब इंस्पेक्टर की ओर से कोर्ट में बेल के लिए याचिका दायर की गयी थी. तब केस में पुलिस से डायरी की मांग की गयी. न्यायालय में समर्पित डायरी देखने पर युवती को पता चला कि केस का अनुसंधान गलत तरीके से और गैरकानूनी ढंग से किया गया है. केस में महत्वपूर्ण साक्ष्य को नजरअंदाज कर आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

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