रांची के रातू में CCL मैनेजर से रंगदारी वसूलने आये अपराधियों से पुलिस की मुठभेड़, गिरफ्तार, जानें मामला

रातू में रंगदारी मांगने गये दो अपराधियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो गयी. दोनों और से पांच राउंड गोलीबारी हुई. हालांकि पुलिस ने पीछा कर दोनों को पकड़ लिया

By Prabhat Khabar News Desk | February 23, 2022 7:06 AM

रांची : सीसीएल रोहिणी परियोजना के मैनेजर संजीव कुमार ठाकुर से रंगदारी मांगनेवाले अपराधियों की मंगलवार की शाम रातू पार्क के समीप पुलिस से मुठभेड़ हो गयी. इस दौरान दोनों ओर से पांच राउंड फायरिंग हुई. इसके बाद दोनों अपराधी बाइक छोड़ कर भागने लगे. पुलिस ने पीछा कर राहुल गुप्ता को पकड़ा. जबकि रंजन कुमार सिंह हेहल की ओर भागने लगा. पुलिस ने करीब तीन किलोमीटर तक उसका पीछा किया.

पुलिस से बचने के लिए रंजन खेत में बने कुआं में कूद गया. पुलिस ने उसे कुआं से निकाल कर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अपराधियों के पास से एक पिस्टल, गोली और बाइक बरामद की है. इधर, रंजन कुमार सिंह के पास कारबाइन होने की बात सामने आयी है. पुलिस ने दोनों अपराधियों का स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया़ एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के अनुसार दोनों अपराधी स्थानीय हैं. इस मामले में एक अन्य सीसीएल अधिकारी के वाहन चालक को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस को जानकारी मिली है कि वही चालक अपराधियों को सूचनाएं देता था.

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता रोहिणी कॉलोनी में रहते हैं. उन्हें पहली बार रंगदारी के लिए 16 जनवरी को फोन आया था. तब उनसे अपराधियों ने 17 जनवरी तक पांच लाख रुपये रंगदारी देने को कहा था. रंगदारी नहीं देने पर जान मारने की धमकी दी थी. जब उन्होंने रंगदारी नहीं दी, तब उन्हें 17 जनवरी को अपराधियों ने फोन किया. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

इसके बाद शिकायतकर्ता और परिवार के सदस्य डर गये. 13 फरवरी को फिर उन्हें फोन आया और उनकी गाड़ी का नंबर और परिवार के सदस्यों का फोटो वाट्सएप पर मैसेज करते हुए अपराधियों ने रंगदारी के रूप में 10 लाख रुपये की मांग की. उनसे कहा गया कि फैसला तेरे ऊपर है. यह अंतिम चेतावनी है. नहीं तो जान देने के लिए तैयार रहना.

इस घटना के बाद संजीव ठाकुर की शिकायत पर 15 फरवरी को खलारी थाना में केस दर्ज किया गया. इसकी जानकारी मिलने पर एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और खलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी के नेतृत्व में टीम का गठन किया. फिर अपराधियों को ट्रैप करने की योजना तैयार की. अपराधियों ने शिकायतकर्ता को रंगदारी की रकम के साथ एसबीएल गेट के पास बुलाया था. लेकिन वहां पुलिस की टीम पहले से आसपास सिविल ड्रेस में मौजूद थी. अपराधियों को सिविल ड्रेस में पहुंचे लोगों पर पुलिस होने का संदेह हुआ और अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी़ इसके बाद पुलिस ने भी फायरिंग की़ लेकिन पुलिस के सामने खुद को कमजोर पाकर अपराधी फायरिंग करते हुए भागने लगे.

Posted By : Sameer Oraon

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