Ranchi crime News, Simdega News रांची : एसआइटी की जांच में खुलासा हुआ है कि सिमडेगा के कुछ पुलिसकर्मियों ने गिरफ्तार चोरों के पास से बरामद किये गये जेवरातों में से बड़े हिस्से को गायब कर दिया और बाद में जेवरात की बरामदगी कम करके दिखायी. दो अक्टूबर की रात छत्तीसगढ़ रायपुर के गुढ़ियारी स्थित एक ज्वेलरी दुकान से करीब 80 लाख के जेवरात की चोरी हुई थी. ये चोर तीन अक्तूबर को भागने के दौरान पकड़े गये थे.
इस मामले में रायपुर पुलिस की शिकायत पर सिमडेगा एसपी डॉ शम्स तबरेज ने जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था. एसआइटी ने बांसजोर ओपी प्रभारी के पद से निलंबित सब इंस्पेक्टर आशीष की निशानदेही पर 10 किलोग्राम चांदी बरामद कर ली है.
वहीं पांच किलोग्राम चांदी की बरामदगी चालक शाहिद की निशानदेही पर वीर मित्रापुर निवासी उसके एक परिचित के घर से हुई. मामले में वर्तमान में एक सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार और केस के आइओ एएसआइ योगेंद्र शर्मा की भूमिका की भी जांच हो रही है. जेवरात गायब करने में उनकी भूमिका पर भी एसआइटी को संदेह है. रायपुर स्थित ज्वेलरी दुकान से दो अक्तूबर की रात जेवरात चोरी की घटना हुई थी.
भागने के दौरान बांसजोर ओपी की पुलिस ने तीन अक्तूबर को चेकिंग के दौरान स्कॉर्पियो के साथ साहिबगंज निवासी मोफिजुल शेख और मोजिबुर शेख को गिरफ्तार किया था. सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज ने बताया था कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से करीब 38.830 किलो चांदी और चांदी के तैयार जेवरात बरामद हुए थे. जेवरात के मूल्य करीब 25 लाख रुपये हैं.
चांदी के जेवरात की बरामदगी सिमडेगा स्थित एक नदी से हुई है. नदी से गोताखोर को प्लास्टिक की थैली में बंद कर रखे जेवरात मिले हैं. इसे जांच शुरू होने के बाद सब-इंस्पेक्टर आशीष ने पकड़े जाने के डर से नदी में फेंक दिया था. इससे पहले वह जेवरात फेंकने के लिए बाइक से जाने के दौरान दुर्घटना में घायल हो गया था. उसकी सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर जा रही थी, तभी सड़क पर जेवरात से भरा झोला एक सिपाही को लावारिस हालत में मिला. सिपाही ने उस झोले को आशीष को वापस कर दिया. इसके बाद आशीष ने घायल अवस्था में ही वह झोला नदी में जाकर फेंक दिया.
Posted by : Sameer Oraon