Jharkhand Crime News : रांची नगर निगम में तेल के नाम पर कमीशनखोरी का खेल जारी, 524 लीटर डीजल के 23 कूपन के साथ युवक पकड़ाया

हैरानी की बात यह है कि यह युवक नगर निगम में न तो स्थायी कर्मचारी है, न ही इसे किसी विभाग में अनुबंध रखा गया है. पूछताछ में युवक ने बताया कि वह इन कूपनों के बदले पेट्रोल पंप से पैसे लेने पहुंचा था. टीम ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी. इसके बाद नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी. इधर, शनिवार को उक्त युवक के खिलाफ कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2021 12:03 PM
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Ranchi News रांची न्यूज : रांची नगर निगम में कर्मचारियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से ‘तेल के नाम पर कमीशनखोरी का खेल’ जारी है. नगर निगम की इंफोर्समेंट ने गुरुवार को रातू रोड निवासी सन्नी साहू को कडरू पेट्रोल पंप से पकड़ा और उसके पास से नगर निगम द्वारा जारी 23 कूपन बरामद किये. ये कूपन 524 लीटर डीजल के लिए जारी किये गये थे.

हैरानी की बात यह है कि यह युवक नगर निगम में न तो स्थायी कर्मचारी है, न ही इसे किसी विभाग में अनुबंध रखा गया है. पूछताछ में युवक ने बताया कि वह इन कूपनों के बदले पेट्रोल पंप से पैसे लेने पहुंचा था. टीम ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी. इसके बाद नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी. इधर, शनिवार को उक्त युवक के खिलाफ कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

नगर निगम में ‘तेल के नाम पर कमीशनखोरी का खेल’ लंबे समय से चला आ रहा है. वर्ष 2018 में भी ऐसे ही एक मामला सामने आया था. उस वक्त नगर की स्वास्थ्य शाखा ने फॉगिंग करनेवाले एक वाहन को 80 लीटर डीजल का कूपन जारी किया गया था. लेकिन, वाहन चालक पंप से मात्र 18 लीटर डीजल लेकर निकल रहा था. वहीं, मौजूद नगर निगम के एक अधिकारी ने चालक को रंगेहाथ पकड़ लिया.

पूछताछ में चालक ने खुलासा किया कि इस खेल में स्वास्थ्य शाखा के कुछ पदाधिकारी भी शामिल हैं. हालांकि, इस मामले में चालक को बर्खास्त कर दिया गया. वहीं, स्वास्थ्य शाखा के किसी पदाधिकारी को न तो चिह्नित किया गया और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई.

ऐसे होता है तेल के नाम पर कमीशनखोरी का खेल :

शहर के दो लाख से अधिक घरों से कचरा उठाने के लिए नगर निगम ने 450 से अधिक वाहनों को लगाया है. इनमें 200 वाहन रांची नगर निगम के हैं. शेष वाहनों को अनुबंध पर लिया गया है.

इन वाहनों के संचालकों को हर माह एक निर्धारित राशि दी जाती है. इसके अलावा इन वाहनों को नगर निगम हर दिन तेल के लिए कूपन जारी करता है. वाहन चालक यह कूपन लेकर कडरू स्थित पेट्रोल पंप में जाते हैं, जहां उन्हें कूपन के अनुसार तेल दिया जाता है. हालांकि, कई वाहन चालक तेल भराते ही नहीं हैं. एक बिचौलिया रखा गया है, जो कूपन लेकर सीधे पेट्रोल पंप जाता है और वहां से कूपनों के बदले कैश लेकर आ जाता है.

आधे से अधिक वाहनों में नहीं जीपीएस, सारा खेल यहीं से :

कचरा उठाने में लगे आधे से अधिक वाहनों में जीपीएस नहीं लगा है. ऐसे में ये वाहन कचरा उठा रहे हैं या नहीं, इसकी जांच नहीं हो पाती है. इसका फायदा उठाकर बिना जीपीएस वाले कई वाहन किसी-किसी दिन तो कचरा उठाने के लिए निकलते ही नहीं हैं. इसके बाद भी उसके नाम से कूपन जारी कर दिया जाता है. फिर उस कूपन से पैसे का उठाव कर उसकी बंदरबांट की जाती है.

ये काटते हैं तेल का कूपन

नगर निगम के स्टोर में तेल का कूपन काटने का काम ओंकार पांडेय, विकास व साजिद करते हैं. कभी-कभार राज नामक कर्मी भी कूपन काटता है.

Posted By : Sameer Oraon

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