Jharkhand Crime News : आरपीएफ के उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने किया नाबालिग नौकरानी का शारीरिक शोषण, आरोपी जवान बर्खास्त

आयुक्त के अनुसार, उक्त जवान पिछले छह माह से नाबालिग को प्रताड़ित करता था. नाबालिग का फोटो व वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर डालने की धमकी देकर उसे जवान उसका शोषण कर रहा था. अधिकारी का गेस्ट हाउस रांची रेलवे स्टेडियम के सामने है. उनके साथ पत्नी भी रहती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2021 9:46 AM

Ranchi Crime News रांची : पूर्व मध्य रेलवे (हाजीपुर) के रांची स्थित परियोजना पद पर तैनात रेलवे सुरक्षा बल के उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो शाकिब के आवास (गेस्ट हाउस) में काम करनेवाली 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक व मानसिक शोषण लंबे समय से किया जा रहा था. जानकारी मिलने पर उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो शाकिब ने अपने अंगरक्षक सह आरपीएफ जवान शंभु कुमार ठाकुर को दोषी मानते हुए उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. वह मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहनेवाला है.

आयुक्त के अनुसार, उक्त जवान पिछले छह माह से नाबालिग को प्रताड़ित करता था. नाबालिग का फोटो व वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर डालने की धमकी देकर उसे जवान उसका शोषण कर रहा था. अधिकारी का गेस्ट हाउस रांची रेलवे स्टेडियम के सामने है. उनके साथ पत्नी भी रहती है.

लेकिन नाबालिग लड़की वहां के एक खाली हॉल, जिसमें केयर टेकर रहते हैं, वहां के शौचालय का प्रयोग करती थी. उसी दौरान नाबालिग को अंगरक्षक ने अपना शिकार बनाया. यह झारखंड की रहनेवाली है. इसके पिता नहीं है. घर में मां और बहन है. लेकिन, घटना सामने आने के बाद कोई भी इससे मिलने नहीं पहुंचा है न ही घटना की जानकारी अधिकारी ने स्थानीय चुटिया थाना या रांची पुलिस के किसी अधिकारी को दी है.

  • पीड़िता झारखंड की रहनेवाली, छह माह से उसके साथ गलत कर रहा था आरपीएफ जवान

  • उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त का अंगरक्षक है आरोपी, बिहार के दरभंगा जिला का रहनेवाला है

  • एक सप्ताह बाद भी रांची पुलिस व चाइल्ड लाइन को नहीं दी गयी सूचना, मेडिकल जांच भी नहीं

यहां हुई सबसे बड़ी चूक

उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो शाकिब कहते हैं कि इस घटना की जानकारी उन्हें नाबालिग से छह जून को मिली. लेकिन, एक सप्ताह बाद भी उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो शाकिब ने स्थानीय चुटिया थाना या रांची पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी. मामला नाबालिग से जुड़ा है. इसलिए चाइल्ड लाइन को भी इसकी सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन वह भी नहीं दी गयी. अधिकारी कह रहे हैं कि मां को सूचना दी गयी है, लेकिन मां सोमवार शाम तक बेटी से मिलने नहीं पहुंची. बच्चे की काउंसलिंग चाइल्ड लाइन कराती, लेकिन अधिकारी उसे अपने स्तर पर करवा रहे हैं.

उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो शाकिब से सीधी बात

  • सवाल : आपको घटना की जानकारी कब मिली?

  • जवाब : छह जून को नाबालिग ने मामले की जानकारी दी.

  • सवाल : कहां की रहनेवाली है पीड़िता?

  • जवाब : झारखंड की ही है.

  • सवाल :आप कहते हैं कि पीड़िता आपकी नौकरानी नहीं है.

  • जवाब : हां! यह सही है. हमनें मानवता के नाते उसके अच्छे भविष्य के लिए उसके परिजन की मर्जी से आपने यहां रखा है.

  • सवाल : बच्ची के माता-पिता को आपने सूचना दी है, क्या वह मिलने आये थे?

  • जवाब : बच्ची के पिता नहीं है. मां और बहन है. घटना की सूचना उसके मां को दी गयी है.

मामले की जानकारी मिली है. जांच की जा रही है. मामला उजागर होने के एक सप्ताह बाद भी स्थानीय थाना को जानकारी नहीं दिये जाने के सवाल पर कहा कि पहले यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि मामला सही है या गलत. अगर आरोप सही निकला, तो कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

– सर्वप्रिय मयंक, मुख्य सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ

मामला बहुत गंभीर है. इस मामले में संबंधित अधिकारी को चाहिए था कि वह स्थानीय थाना या रांची पुलिस के किसी अधिकारी को सूचना देते. अब यह मामला संज्ञान में आया है, तो वह इस मामले को दिखवाते हैं.

-सुरेंद्र कुमार झा, एसएसपी, रांची

Posted By : Sameer Oraon

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