Jharkhand : मेन रोड में हुए उपद्रव की आंच शहर के कई इलाके तक पहुंची, लोगों ने गिराये दुकानों के शटर
मेन रोड में हुए उपद्रव की आंच शहर के कई इलाकों में पहुंची. घटना की खबर मिलते ही अपर बाजार स्थित रंगरेज गली, पुस्तक पथ, नॉर्थ मार्केट रोड, इस्ट मार्केट रोड, रांची एक्सप्रेस गली, कपड़ा पट्टी, महावीर चौक, कचहरी रोड, विष्णु गली, लालजी हीरजी रोड, एसएन गांगुली रोड, ओसीसी लेन आदि की दुकानें बंद होने लगी.
Ranchi Crime News : मेन रोड में हुए उपद्रव की आंच शहर के कई इलाकों में पहुंच गयी. घटना की खबर मिलते ही अपर बाजार स्थित रंगरेज गली, पुस्तक पथ, नॉर्थ मार्केट रोड, इस्ट मार्केट रोड, रांची एक्सप्रेस गली, कपड़ा पट्टी, महावीर चौक, कचहरी रोड, विष्णु गली, लालजी हीरजी रोड, एसएन गांगुली रोड, ओसीसी लेन आदि की दुकानें बंद होने लगी. दुकानदारों में भी अफरा-तफरी का माहौल था. अपर बाजार की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया. इधर, चर्च रोड सेकेंड स्ट्रीट, फतेउल्लाह रोड, कर्बला टैंक रोड, मेन रोड स्थित फल-सब्जी मंडी, डेली मार्केट की दुकानें भी बंद रही. फुटपाथ दुकानदार भी जा चुके थे.
पुस्तक पथ के पास हंगामा
मेन रोड की घटना के बाद शाम करीब 4.30 बजे पुस्तक पथ के निकट पत्थरबाजी होने से वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी. अफरा-तफरी के कारण सड़कों पर फल के ठेले भी गिर गये और फल सड़क पर बिखर गये. इसके बाद वहां पुलिस की तैनाती कर दी गयी. इस बीच अपर बाजार की गलियों में नाजायज मजमा लगा रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को खदेड़ा. घटना के बाद रातू रोड, बरियातू, पंडरा व कोकर सहित कई इलाके में दुकानों को बंद करा दिया गया. देर रात तक संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की तैनाती की गयी थी. पुलिस अधिकारी वायरलेस के जरिये सूचना के आदान-प्रदान में लगे हुए थे.
मंदिर के बाहर विभिन्न संगठनों ने दिया धरना
मेन रोड में घटना के बाद बजरंग बली मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के सदस्य पहुंचे और धरना पर बैठ गये. इस दौरान वहां और भी लोग जमा हो गये. लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इस दौरान बजरंग बली मंदिर में हिंदू संगठन के सदस्यों ने भजन-कीर्तन कर हनुमान चालीसा का पाठ किया. यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी.
फुटेज के आधार पर पकड़े जायें उपद्रवी : भाजपा
भाजपा ने मेन रोड में संकट मोचन मंदिर की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की तैनाती की मांग की है. वहीं पथराव करनेवालों को चिह्नित कर कार्रवाई की मांग की है. मंदिर के समक्ष शुक्रवार को भाजपा के नेता धरना पर बैठे. पुलिस प्रशासन पर सुरक्षा देने में विफल होने का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पत्थरबाजों की पहचान करने की मांग की. रात करीब आठ बजे तक भाजपा नेता वहां मौजूद थे. मौके विधायक सीपी सिंह, कुणाल आजमानी, ललित ओझा, वरुण साहू, अरविंद तिवारी व राहुल शाहदेव आदि शामिल थे.
डोरंडा के झंडा चौक के समीप दुकानों में तोड़फोड़
डोरंडा के झंडा चौक के समीप दुकान में जुलूस में शामिल लोगों ने तोड़फोड़ की. दुकान के संचालक बजरंग प्रसाद गुप्ता ने कहा कि दिन के करीब 3:30 से चार बजे के करीब एजी मोड़ की ओर से आ रहे जुलूस में शामिल लोगों ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ की. इससे पूर्व इंदू राम की जूता-चप्पल की दुकान को भी बंद कराया. भीड़ ने डोरंडा युनूस चौक से मणिटोला जानेवाली सड़क में कुछ दुकानों को बंद करा दिया. सामान इधर-उधर फेंक दिया. घटना के बाद से डोरंडा की अधिकतर दुकानें बंद हो गयी थी. घटना को देख डोरंडा में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
घर के सामने पहुंचे थे उपद्रवी, पुलिस ने खदेड़ा
हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र निवासी भैरव सिंह के घर पर हमला करने की सूचना पुलिस को मिली. इसके बाद डीआइजी अनीश गुप्ता सहित कई थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी उक्त स्थल पर पहुंचे. पुलिस ने भैरव सिंह के घर के सामने जमा लोगों को हटाने के लिए तीन से चार राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके बाद वहां से उपद्रवी भागे. पुलिस ने हर गली में जाकर नाजायज मजमा लगा रहे लोगों को खदेड़ा. पुलिस ने हिदायत दी कि छत से एक भी पत्थर चला, तो कड़ी कार्रवाई होगी. आंसू गैस के गोले से पुलिसकर्मी व मीडियाकर्मियों की आंखें जलने लगी. सांस लेने में दिक्कत होने लगी. बाद में हिंदपीढ़ी लोगों ने घर से ठंडा पानी दिया. आंख धोने के बाद सभी पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी सामान्य हुए.
बगैर बॉडी प्रोटेक्टर पुलिसकर्मियों को भेजा उपद्रवियों से निबटने
घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें मांडर विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे जिला से क्लोज कर पुलिस लाइन में रखा गया था. उन्हें कहा गया कि विधि-व्यवस्था की ड्यूटी के बाद वापस लौट आना है. इस कारण पुलिसकर्मी सिर्फ हथियार लेकर वहां ड्यूटी करने गये थे. मेन रोड में पुलिस की तैनाती पर्याप्त संख्या में थी. लेकिन, उनके पास उपद्रवियों से निबटने के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए कोई बॉडी प्रोटेक्टर नहीं थे. इस कारण पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए अंत में फायरिंग करनी पड़ी.