झारखंड : पौष मेला का आनंद लेने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़

साल में 12 महीने होते हैं, लेकिन बांग्ला समुदाय के सदस्यों के 13 त्योहार होते हैं. वह लोग हर माह अलग-अलग त्योहार मनाते हैं. यह उनकी एक अलग खासियत व पहचान है. उक्त बातें विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहीं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2023 7:01 AM

लाइफ रिपोर्टर @ रांची

साल में 12 महीने होते हैं, लेकिन बांग्ला समुदाय के सदस्यों के 13 त्योहार होते हैं. वह लोग हर माह अलग-अलग त्योहार मनाते हैं. यह उनकी एक अलग खासियत व पहचान है. उक्त बातें विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहीं. उन्होंने बंगाली युवा मंच चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा आर्यभट्ट सभागार में लगाये गये पौष मेला का उद्घाटन किया. उन्होंने इसके लिए आयोजक मंडल को धन्यवाद दिया और इसकी प्रशंसा की. मेला की शुरुआत जादूगर नागराज ने अपने जादू से की. इस जादू को लोगों ने सराहा. इस मौके पर

बांग्ला हास्य नाटक व रैंप वॉक का आयोजन

कोलकाता के हास्य नाटक दल सिंचन द्वारा बांग्ला हास्य नाटक की प्रस्तुति व परिधान प्रदर्शनी (रैंप वॉक) का आयोजन किया गया. नृत्यांजलि के मॉडल्स ने परिधान का प्रदर्शन किया. मंच के संरक्षक सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह का आयोजन करने का मकसद कला संस्कृति को एक मंच देकर बढ़ावा देना है. मंच के अध्यक्ष सिद्धार्थ घोष ने उद्घाटन कार्यक्रम के समापन संबोधन में सभी को धन्यवाद दिया. कोलकाता से आये बांग्ला बैंड परिधि बंदबकी की प्रस्तुति के साथ झूमर गीत गायिका तनुश्री डे ने अपने गीतों से लोगों को झूमाया.

रसगुल्ला से लेकर अन्य व्यंजनों का लुफ्त उठाया

मेले में लोगों ने रसगुल्ला का आनंद उठाया. गुड़ रसगुल्ला को लोगों ने खूब पसंद किया.इसके अलावा दूध पीठा, पुली पिठा, पतिसाप्ता सहित अन्य व्यंजन मेले की शोभा बढ़ा रहे थे.

देखते ही बन रही थी मेला स्थल की साज सजावट

मेला स्थल की साज सजावट देखते ही बन रही थी. रंगबिरंगे बल्बों के अलावा विभिन्न कलाकृति व चौडोल आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. दिन के 11 बजे से शुरू हुए मेला का आनंद लेने के लिए लोग देर शाम तक आते रहे. ठंड के बाद भी लोग दूर-दूर से मेला का आनंद लेने के लिए आये थे. यहां एक ओर आर्यभट्ट सभागार में जहां समारोह का आयोजन किया गया था.वहीं दूसरी ओर सभागार के सामने स्थित परिसर में विभिन्न स्टॉल लगाये गये थे.जिसमें घरेलू साज व हस्तकरघा के सामान उपलब्ध थे. इसके अलावा मत्स्य केंद्र की ओर से भी स्टॉल लगाया गया था.जिसमें बिक्री के लिए फाइटर फिश को लाया गया था, जो आकर्षण का केंद्र थी. वहीं लोगों को मछली पालन के संबंध में जानकारी भी दी गयी.वहीं बच्चे खूली जगह में खेलने का आनंद ले रहे थे. मेला का आनंद लेने के लिए बांग्ला समाज के साथ अन्य वर्गों के लोग भी आये थे. मेले के आयोजन में सचिव अमित दास, उपाध्यक्ष अभिजीत भट्टाचार्या, अनूप चक्रवर्ती,सह सचिव सुब्रतो घोष सहित अन्य का योगदान रहा.

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