फुटबॉल गेम में पैसा लगाने के नाम पर ठगी के मामले में साइबर पुलिस को जांच में सहयोग करने के लिए सीआइडी ने गृह मंत्रालय से सहयोग की मांग है. इसके लिए गुरुवार को सीआइडी के अधिकारियों ने साइबर अपराध की रोकथाम और अनुसंधान में सहयोग करने वाले गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली विंग इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के अधिकारियों से संपर्क किया है.
मामले की आरंभिक जांच में यह जानकारी मिली है कि जिस ऐप के जरिये जीवी फुटबॉल गेम खेलाया जाता है, वह एक चाइनीज ऐप है. इसके जरिये देश के विभिन्न राज्यों में ठगी हुई है. इसके माध्यम से किसी फुटबॉल प्लेयर पर लोगों को बेट लगाने को कहा जाता था. आरंभ में जिन लोगों ने इसमें कम रुपये लगाये, उन्हें दोगुना मुनाफा दिया गया.
बाद में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों ने अधिक रुपये लगाना शुरू किया. इसके बाद उनके पैसे डूब गये. अभी तक की जांच में 25 यूपीआइ के जरिये पैसा ट्रांसफर होने की बात सामने आयी है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार ऐप को जिन लोगों ने डाउनलोड कर गेम खेला है या जिन लोगों ने लिंक डाउनलोड किया है, उनके मोबाइल से डाटा की चोरी हुई है.
सीआइडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने ठगी से बचने के लिए आम लोगों को निर्देश जारी किया है. उन्होंने आम लोगों से अनुरोध किया है कि जिन लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड किया है, वह अपने मोबाइल से इसे हटा दें या गेम खेलने के लिए बनाये गये वाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट हो जायें. क्योंकि जीबी फुटबॉल नामक वेबसाइट भी फर्जी है. यदि कोई ठगी का शिकार हो जाता है, तब वह इस बात की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 को दें. ठगी के शिकार लोग रांची साइबर थाना के इंस्पेक्टर मनोज कुमार राय के मोबाइल नंबर 9939932744 पर संपर्क कर सकते हैं.