साइबर अपराध में शुक्रवार को गिरिडीह के गादी श्रीरामपुर से गिरफ्तार प्रदीप ठाकुर ने पूछताछ में कई खुलासे किये हैं. उसने पुलिस को बताया है कि वह राजस्थान के जयपुर जिला अंतर्गत संतोष नगर हसनपुरा में सैलून चलाता है. उसके यहां एक युवक आता था. एक दिन उसने कहा कि वह एक बिजनेस से जुड़ा है. वह भी चाहे, तो जुड़ सकता है. इसके लिए उसे अपना अकाउंट नंबर देना होगा.
इसके बदले उसके खाते में जितनी राशि आयेगी, उसका 30 प्रतिशत राशि उसे मिलेगी. बैठे-बिठाये पैसे कमाने के लोभ में आकर उसने साइबर फ्रॉड के साथ धंधा शुरू कर दिया. वर्ष 2017 से 2020 तक प्रदीप ठाकुर के खाते में 15 लाख रुपये आये. इसका 30 प्रतिशत कमीशन के तौर पर काटकर उसने बाकी पैसे उस युवक को दे दिया. जब उससे पूछा गया कि वह युवक कौन है, तो कहा कि वह उसका नाम-पता नहीं जानता है.
जब भी उसके खाते में पैसा आता था, तो वह उस पैसे का 30 प्रतिशत राशि काटने के बाद बाकी पैसा निकालकर अपनी दुकान पर रख लेता था. युवक के आने पर वह उसे पैसे दे देता था. जब उसे पता चला कि उसे साइबर फ्रॉड के मामले में रांची पुलिस तलाश कर रही है, तो उसने अपने खाते में पैसा मंगवाना बंद कर दिया था. रांची की सदर पुलिस ने प्रमिला देवी के खाते से 7400 रुपये के साइबर फ्रॉड के मामले में प्रदीप ठाकुर को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा केंद्रीय कारा भेज दिया गया.