झारखंड में पहली बार साइबर ठगों और आतंकवादियों का गठजोड़ सामने आया है. पता चला है कि साइबर ठगी के हासिल किये गये पैसे विदेशी आतंकवादियें को भेजे जा रहे हैं. कुछ दिन पहले धुर्वा थाना क्षेत्र के सेक्टर-2 निवासी नवीन कुमार वर्मा से क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 1.33 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. इसे लेकर उन्होंने साइबर थाने में केस दर्ज कराया था. इसी तरह साइबर ठगों ने मेट्रिमोनियल साइट के जरिये धनबाद निवासी एक व्यक्ति से एक करोड़ रुपये ठग लिये.
सीआइडी साइबर सेल की टीम ने जब गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था इंडिया साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइफोरसी) के सहयोग से उक्त दोनों मामलों की जांच शुरू की, तो चौंकानेवाली जानकारियां मिलीं. टीम को पता चला कि धनबाद में व्यक्ति से ठगे पैसे ईरान में सक्रिय आतंकवादियों के एक समूह को भी ट्रांसफर हुए हैं. वहीं, धुर्वा सेक्टर-2 निवासी व्यक्ति से क्रिप्टो करेंसी के जरिये ठगे गये पैसे आतंकी संगठन हिजबुल्ला के एकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं. क्रिप्टो करेंसी के जरिये ठगी के पैसे करीब 41 बैंक खातों में ट्रांसफर हुए हैं. इनमें से कुछ बैंक खातों से विदेशियों को भी पैसे भेजे गये हैं.
क्रिप्टो करेंसी से ठगी के मामले में जानकारी देते हुए सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि ठगी के लिए पहले एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था. ग्रुप एक वर्चुअल नंबर से बनाया गया था. इसके बाद ग्रुप के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया. जोड़ने के बाद निवेशक को निवेश के एवज में डबल और ट्रिपल मुनाफा का आश्वासन दिया गया था.
निवेश के लिए बियांस नामक एक ऐप के जरिये डिजिटल वॉयलेट तैयार कराया गया. 1.33 करोड़ रुपये निवेश के बाद एक लिंक भेजा गया, जिसमें वेबसाइट के जरिये निवेशक को यह भी दिखाया गया कि आपके पैसे बढ़ रहे हैं. लेकिन, जांच के दौरान वह वेबसाइट फर्जी पायी गयी. वेबसाइट चाइनीज थी, जो अलीबाबा डॉटकॉम के जरिये होस्टेड थी. जांच के दौरान यह भी पता चला कि पैसे किसी गलत एजेंसी के पास भी जा रहे हैं. इसके बारे में आइफोरसी के सहयोग से और जानकारी एकत्र की जा रही है.
आमलोगों को किसी भी तरह का निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि, साइबर अपराधी क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर फ्रॉड कर रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी के नाम पर होनेवाली ठगी के मामलों के अनुसंधान के लिए चार अगस्त से पुलिस पदाधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी जायेगी.
– अनुराग गुप्ता, सीआइडी डीजी