सावधान : झारखंड के साइबर अपराधियों ने बदला ठगी का तरीका, अब ऐसे फंसा रहे हैं लोगों को अपने जाल में

बताया गया है कि वर्तमान में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी ठगी के लिए स्पूफ कॉल (वर्चुअल नंबर से कॉल) कर रहे हैं. इसमें कुछ फोन नंबर भारत में सेवा प्रदान करनेवाली टेलीकॉम कंपनी से जुड़े होते हैं

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2023 1:27 AM

अमन तिवारी, रांची:

झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों ने अब गिरफ्तारी के डर से ठगी का तरीका बदल दिया है. साइबर अपराधी अब लोगों को स्पूफ कॉल कर रहे हैं. इसका खुलासा गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था इंडिया साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के अधिकारियों ने किया है. इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर झारखंड पुलिस को भी अलर्ट किया गया है.


वर्चुअल नंबर का करते हैं इस्तेमाल : 

बताया गया है कि वर्तमान में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी ठगी के लिए स्पूफ कॉल (वर्चुअल नंबर से कॉल) कर रहे हैं. इसमें कुछ फोन नंबर भारत में सेवा प्रदान करनेवाली टेलीकॉम कंपनी से जुड़े होते हैं, जबकि कुछ फोन नंबर विदेश से रूट होकर आते हैं. जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि फोन कॉल विदेश से किया जा रहा है. ऐसे में अगर किसी पीड़ित के पास जब वर्चुअल नंबर से फोन आता है, तो पीड़ित संबंधित नंबर के बारे में शिकायत करता है. इसलिए ऐसे मामले में मोबाइल नंबर को ब्लॉक कराने से पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि किसी दूसरे का मोबाइल नंबर गलती से बंद नहीं हो जाये.

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कूरियर डिलिवरी करने से सहित अन्य केसेज में ठगी : 

स्पूफ कॉल के जरिये अधिकांश मामलों में कूरियर डिलिवरी करने सहित अन्य मामलों में ठगी की जा रही है. किसी मोबाइल नंबर को बंद कराने से पहले पीड़ित और आरोपी दोनों के मोबाइल नंबर का सीडीआर हासिल किया जाये, ताकि नंबर बंद कराने को लेकर विधिपूर्वक कार्रवाई की जा सके. पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल में झारखंड में पीएलएफआइ और संगठित गिरोह से जुड़े अमन साव सहित दूसरे अपराधियों ने स्पूफ कॉल के जरिये रंगदारी मांगना शुरू किया था, ताकि ऐसे लोगों को ट्रैक करने में पुलिस को परेशानी हो. लेकिन अब साइबर अपराधियों ने इसका प्रयोग शुरू कर दिया है.

साइबर अपराधियों के 2.80 लाख नंबर हो चुके हैं ब्लॉक

इंडियान साइबर क्राइम को- ऑर्डिनेशन सेंटर के द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में साइबर अपराधियों के द्वारा प्रयोग किये जा रहे 2.80 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किये जा चुके हैं. जिससे संबंधित मोबाइल नंबर का प्रयोग साइबर फ्रॉड के लिए फिर उपयोग नहीं हो सके.

क्या है स्पूफ कॉलिंग

यह फेक कॉल का एडवांस तरीका है. इसमें जब कोई भी अपराधी किसी दूसरे व्यक्ति को कॉल करता है, तो दूसरी ओर कॉल को उठानेवाले के स्क्रीन पर जो नंबर दिखेगा, उसे अपराधी के द्वारा नियंत्रित किया जाता है. यह तरीका खतरनाक इसलिए है कि इसके पीछे का लिंक आसानी से ट्रेस नहीं होता है.

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