Jharkhand: साइबर अपराधियों ने परिवहन विभाग की साइट हैक कर उड़ाये 5 करोड़ रुपये, ऐसे दिया वारदात को अंजाम
साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन टैक्स जमा करने के नाम पर वाहन मालिकों के करीब पांच करोड़ रुपये उड़ा लिये. यह सब परिवहन विभाग के एम-परिवहन एप और ई-ग्रास साइट को हैक कर अंजाम दिया गया.
रांची : ऑनलाइन रोड टैक्स जमा करने के नाम पर हैकरों ने वाहन मालिकों के करीब पांच करोड़ रुपये उड़ा लिये. इससे टैक्स जमा करनेवाले वेंडर व साइबर कैफे संचालक परेशान हैं. यह गोरखधंधा डेढ़ वर्ष से चल रहा था. जब इसका पता चला, तब तक राज्य के 24 में से 23 जिलों (सिर्फ जामताड़ा जिले को छोड़कर) के 3904 वाहन मालिकों द्वारा रोड टैक्स के दिये पैसे हैकरों ने उड़ा लिये. यह सब परिवहन विभाग के एम-परिवहन एप और ई-ग्रास साइट को हैक कर किया गया.
पूरे मामले में विभागीय कर्मियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता. दूसरी ओर कार्रवाई के बदले विभाग ने पूरी घटना को तकनीकी खामी बताकर 3904 वाहनों और नौ अनुज्ञप्तिधारियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया. वहीं उन वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर फिर से रोड टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है.
ऐसे दिया साइबर फ्रॉड को अंजाम
वाहन टैक्स जमा करने का काम करनेवाले आशुतोष वर्मा ने बताया कि रांची के बुंडू में साइबर कैफे चलानेवाले राहुल कुमार महतो और राहुल कुमार नायक के खिलाफ कांड्रा थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी हुई है. इन्होंने करीब दो हजार वाहन संचालकों के साथ फ्रॉड किया है. राहुल और राहुल नायक ने वाहन टैक्स जमा करने से जुड़े वेंडरों, कैफे संचालकों और वाहन मालिकों से संपर्क कर उनके वाहनों का बकाया रोड टैक्स जमा करने का आग्रह किया.
इसमें फंसकर लोगों ने उन्हें रोड टैक्स जमा करने के लिए पैसे दिये. जैसे किसी वाहन पर सात हजार रुपये बकाये हैं, तो आरोपियों ने सॉफ्टवेयर हैक कर सिर्फ 10 से 12 रुपये पेमेंट किये. लेकिन सॉफ्टवेयर के जरिये ऑनलाइन जेनरेट होनेवाले रसीद में रोड टैक्स का पैसा सात हजार रुपये जमा दिखते हुए वाहन संचालकों को दिया गया.
Posted By: Sameer Oraon