रांची: आम लोगों को ठगने के लिए साइबर ठग रोज नये-नये तरीके खोजते हैं. पहले बैंक कर्मी, तो कभी केबीसी, तो कभी बंपर पुरस्कार के नाम पर ठगी करनेवाले जालसाज अब मरीजों को भी नहीं बख्श रहे हैं. हाल ही में राजधानी के एक प्रसिद्ध डॉक्टर (आर्थोपेडिक्स) के यहां नंबर लगाने के नाम पर साइबर ठगी की गयी. भुक्तभोगी डॉक्टर के यहां पहुंचा और उनके स्टॉफ से कहा कि उसने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. कृपया डॉक्टर साहब से दिखा दें. डॉक्टर के स्टॉफ ने कहा कि उनके यहां आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं है. इसके बाद मरीज को ठगे जाने का अहसास हुआ.
जानकारी के अनुसार, राजधानी के अमूमन सभी प्रख्यात चिकित्सकों का साइबर ठगों ने ऑनलाइन साइट बना लिया है. साथ ही फर्जी फोन नंबर भी डाल देते हैं. जैसे ही कोई मरीज उक्त डॉक्टर से इलाज कराने के लिए उस साइट को खोलता है, तो उससे पंजीयन शुल्क के नाम पर मामूली पैसा मांगा जाता है. शुल्क देने के बाद फार्मेट में जैसे ही एकाउंट नंबर डाला जाता है, ओटीपी भरने का ऑप्शन आ जाता है. ओटीपी डालते ही मरीज के एकाउंट से पैसे उड़ा लिये जाते हैं.
वहीं फार्म में फोन नंबर भी भरने को कहा जाता है. ओटीपी नहीं देने पर साइबर फ्रॉड फोन कर भरोसे में लेता है कि प्रक्रिया पूरा करने के लिए ओटीपी डाल दें. पैसा खाता से निकलते ही फोन स्विच ऑफ हो जाता है. राजधानी के अस्पतालों में लगातार ऐसे मामला आने पर श्री जगन्नाथ अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिसर में नोटिस चिपकाया गया है कि अस्पताल द्वारा ऑनलाइन पैसा नहीं लिया जाता है. अनाधिकृत लिंक पर पेमेंट नहीं करें.
नगड़ी के पीड़ित अशोक कुमार वर्मा ने नगड़ी थाना में शिकायत दर्ज करायी है. उससे हड्डी के डाॅक्टर के यहां नंबर लगाने के नाम पर उनसे साइबर ठगी की गयी है. ऑनलाइन साइट के मोबाइल नंबर 8389968457 से कॉल आया जिसमें एक व्यक्ति ने डॉक्टर से दिखाने के लिए नंबर लगाने की बात कही गयी. इसके बाद ऑनलाइन फार्म भरने के लिए कहा गया. रजिस्ट्रेशन के लिए मैंने एचडीएफसी के अकाउंट का नंबर डाल दिया. इसके बाद मेरे एकाउंट से 86,000 रुपये उड़ा लिया गया.
अस्पताल व डॉक्टर से दिखाने के नाम पर धोखाधड़ी का कुछ मामला प्रकाश में आया है. ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए.
यशोधरा, साइबर डीएसपी
रिपोर्ट- राजीव पांडेय