Jharkhand News: RBL बैंक से साइबर फ्रॉड करने वाले तीन गिरफ्तार

अभियुक्त नीरज कुमार पांडेय ने क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आरबीएल बैंक को आवेदन दिया था. बैंक द्वारा नीरज के खाता के आधार पर एक लाख रुपये लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2023 1:39 PM
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आरबीएल बैंक से साइबर फ्रॉड किये जाने के मामले में रांची साइबर थाना की पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें बोकारो से नीरज कुमार पांडेय (29 वर्ष), रांची के गाड़ी गांव से अशोक कुमार (39 वर्ष) व चेन्नई से मो काजिम (35 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है. नीरज मूल रूप से बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत विक्रमगंज का रहनेवाला है. यह जानकारी सीआइडी मुख्यालय में डीजी अनुराग गुप्ता ने दी.

उन्होंने बताया कि कांड के प्राथमिक अभियुक्त नीरज कुमार पांडेय ने क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आरबीएल बैंक को आवेदन दिया था. बैंक द्वारा नीरज के खाता के आधार पर एक लाख रुपये लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड दिया गया. इसके बाद नीरज कुमार पांडेय के खाते में विदेशी मर्चेंट के बैंक खातों से काफी बड़ी-बड़ी रकम का काल्पनिक हस्तांतरण होने लगा. इसको देखते हुए बैंक ने समय-समय पर उसके कार्ड का क्रेडिट बढ़ाते हुए एक करोड़ 10 लाख 20 हजार 570 रुपये कर दिया. इसके बाद नीरज कुमार पांडेय ने अपने पॉल्ट्री फार्म और अन्य फार्म के नाम पर ली गयी चार पीओएस मशीन के जरिये अपने साथियों की मदद से काफी कम समय में क्रेडिट कार्ड का संपूर्ण लिमिट का उपयोग कर लिया.

इस मामले में 1.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरबीएल बैंक कोल्हापुर के शाहपुरी स्थित मुख्य कार्यालय शाखा के पदाधिकारी पंकज भगत ने रांची साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके पास से साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल की गयी चार पीओएस मशीन, पांच मोबाइल व 15 एटीएम कार्ड बरामद किया गया है. प्रेस वार्ता के दौरान सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता, एसपी कार्तिक एस व रांची साइबर थाना की डीएसपी सह थाना प्रभारी नेहा बाला मौजूद थीं.

किनके खाते से नीरज के खाते में आया पैसा, इसकी जांच जारी

नीरज कुमार पांडेय के खाते में किसके खाते से पैसा आया, इसकी जांच अभी साइबर थाना की पुलिस कर रही है. पुलिस अंदेशा जता रही है कि जो बड़ी रकम नीरज के खाते में विदेशी खातों से आया, वह भी कहीं साइबर फ्रॉड या किसी और मकसद से तो नहीं भेजा गया.

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