Jharkhand Cyber Fraud: हनी ट्रैप समेत इन 10 तरीकों से लोगों को फांस रहे हैं साइबर ठग, CID ने किया अलर्ट

Jharkhand Cyber ​​Fraud: झारखंड में साइबर अपराधियों ने ठगी का तरीका बदल लिया है. अब हनी ट्रैप और भयदोहन करके पैसे उगाही करने लगे हैं. सीआईडी ने इसे लेकर लोगों को अलर्ट किया है.

By Sameer Oraon | November 4, 2024 8:52 AM
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Jharkhand Cyber Fraud, रांची : झारखंड में समय के साथ साइबर अपराधियों की ठगी का तरीका भी बदल रहा है. पहले बैंककर्मी बन ओटीपी पूछ बैंक एकाउंट से पैसे उड़ानेवाले साइबर ठग अब भयादोहन और हनी ट्रैप कर भी पैसे उगाहने लगे हैं. इनके तरह-तरह के ठगी के हथकंडे में पढ़े-लिखे लोग भी आ जाते हैं. दूसरी ओर पुलिस विभाग की तकनीकी शाखा भी इनकी ठगी से आम लोगों को बचाने के लिए तकनीक का ईजाद कर रही है. सीआईडी ने साइबर अपराधियों द्वारा अपनाये जा रहे तरीके और इससे बचाव के लिए लोगों को अलर्ट किया है. झारखंड में साइबर अपराधी आम लोगों से साइबर फ्रॉड के लिए मुख्य रूप से 10 तरीके अपना रहे हैं.

सीआईडी ने तैयार की है रिपोर्ट

साइबर फ्रॉड को लेकर दर्ज मामले का विश्लेषण कर सीआईडी ने इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइफोरसी) के सहयोग से रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट बताती है कि हर उम्र के लोग साइबर अपराधियों के निशाने पर होते हैं, लेकिन वे ज्यादातर बुजुर्ग और अधेड़ उम्र के लोगों को फांसते हैं.

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साइबर फ्रॉड के 10 मुख्य तरीके

कस्टम में पार्सल पकड़े जाने के नाम पर :

इसमें साइबर अपराधी किसी के नाम पर कस्टम के पास संदिग्ध पार्सल पकड़े जाने के नाम पर फोन करते हैं. इसके बाद ब्लैकमेल कर पैसे मांगते हैं. इससे बचाव के लिए आप तुरंत फोन काट दें और नंबर के बारे में शिकायत करें.

ट्राइ फोन स्कैम :

इसमें साइबर अपराधी फोन कर बताता है कि आपका मोबाइल नंबर संदिग्ध गतिविधि में शामिल है. इसलिए आपका मोबाइल नंबर बंद किया जा रहा है. जबकि सच्चाई है कि ट्राई कभी भी सेवा बंद करने के लिए फोन नहीं करता है. बचाव के लिए इसकी शिकायत करें.

डिजिटल अरेस्ट :

इसमें साइबर अपराधी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर पहले फोन करते हैं. इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर ऑनलाइन पूछताछ करने के बाद ब्लैकमेल कर पैसे की मांग करते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि पुलिस कभी डिजिटल गिरफ्तारी नहीं करती है. न ही ऑनलाइन पूछताछ करती है.

परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी :

साइबर अपराधी पहले किसी को फोन कर यह बताते हैं कि आपराधिक घटना में शामिल होने के आरोप में आपके रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद केस मैनेज करने और छोड़ने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है. ऐसे मामले में कोई भी कदम उठाने से पहले बचाव के लिए परिवार के सदस्यों से इसका सत्यापन करें

-ट्रेडिंग के नाम पर तत्काल धनी बनने का झांसा देकर :

ऐसे मामले में साइबर अपराधी पहले सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेडिंग के नाम पर अधिक मुनाफा देने का आश्वासन देकर ठगी करते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि हाई रिटर्न ही एक झांसा है

टास्क पूरा कर रिवार्ड देने के नाम पर :

ऐसे मामले में साइबर अपराधी पहले कुछ सामान्य टास्क देकर अधिक रिवार्ड देने का झांसा देते हैं. फिर निवेश के नाम पर अधिक मुनाफा देने के नाम पर ठगी करते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि इजी मनी ही एक स्कैम है.

क्रेडिट कार्ड के नाम पर :
इसमें साइबर अपराधी पहले किसी को फोन कर बताते हैं कि आपके नाम पर जारी क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड हो रहा है और फिर इसके बारे में सत्यापन कर फ्रॉड करते हैं. इससे बचाव के लिए पहले बैंक से संपर्क करें.

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पैसा ट्रांसफर करने का झांसा देकर :
कुछ मामले में साइबर अपराधी फोन कर पहले कहते हैं आपके एकाउंट में गलती से पैसा ट्रांसफर हो गया है. इसलिए इसे वापस भेज दीजिए. ऐसा कर साइबर अपराधी फ्रॉड करते हैं. बचाव के लिए पहले बैंक से सत्यापन करें

केवाइसी एक्सपायर होने के नाम पर :

कई मामले में साइबर अपराधी ठगी के लिए फोन कर कहते हैं कि आपका केवाइसी अपडेट नहीं है या यह एक्सपायर हो चुका है. बचाव के लिए बैंक से संपर्क करें.

टैक्स रिफंड के नाम पर :

साइबर अपराधी खुद को टैक्स अफसर बताते हैं और फोन कर टैक्स रिफंड करने के नाम पर बैंक का डिटेल लेकर ठगी करते हैं. जबकि वास्तविकता है कि टैक्स डिपार्टमेंट के पास बैंक का डिटेल होता है और यह एक स्कैम है.

क्या हैं बचने के उपाय

  • कोई भी कदम उठाने से पहले सूचना के बारे में सत्यापन अवश्य करें
  • मोबाइल पर भेजे गये किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें
  • किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करने से पहले इसे बैंक से कंफर्म कर लें
  • संदिग्ध फोन कॉल या नंबर के बारे में शिकायत दर्ज करायें
  • अत्यधिक मुनाफा देनेवाले रिटर्न से सावधान रहें
  • व्यक्तिगत जानकारी या बैंक का डिटेल किसी से साझा नहीं करें
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