झारखंड : साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट साक्ष्य के अभाव में 11 साल बाद बरी

जांच में होटल के रजिस्टर में कमरा नंबर-206 में दीपक कुमार के ठहरने की बात सामने आयी और एक सप्ताह तक ठहरने की बात निकली. साथ ही एक सप्ताह में चेक इन व चेक आउट का जिक्र रजिस्टर में है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2024 5:10 AM

रांची : न्यायिक दंडाधिकारी नूतन एक्का की अदालत ने साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार को 11 साल बाद साक्ष्य के अभाव में निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया. दीपक कुमार की ओर से अधिवक्ता विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव ने पैरवी की. मामला वर्ष 2013 का है. मामला हिनू पुल के समीप स्थित होटल इमराल्ड का है. इसमें होटल संचालक ललन झा ने दीपक कुमार पर आरोप लगाया था कि वे कमरा नंबर- 307 में एक महीना ठहरने के बाद उन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया था. यह आरोप लगाते हुए डाेरंडा थाना में कांड संख्या-111/ 2013 दर्ज करायी गयी थी.

आरोप था कि होटल कर्मी को कुछ रुपये देकर एक सप्ताह की जगह एक महीना तक वहां ठहरे. जांच में होटल के रजिस्टर में कमरा नंबर-206 में दीपक कुमार के ठहरने की बात सामने आयी और एक सप्ताह तक ठहरने की बात निकली. साथ ही एक सप्ताह में चेक इन व चेक आउट का जिक्र रजिस्टर में है. दीपक कुमार देश के कई राज्यों के पुलिस, अधिवक्ता, आइआइटी, आइआइएम संस्था में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन और अवेयरनेस को लेकर ट्रेनिंग देते हैं. दीपक कुमार झारखंड पुलिस को भी ट्रेनिंग दे चुके हैं और काफी समय तक झारखंड पुलिस के लिए साइबर एक्सपर्ट का काम भी कर चुके हैं.

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