बिपिन सिंह, रांची
Ranchi News: ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) झारखंड में कर्ज के वर्षों पुराने मामले सुलझ रहे हैं. इस साल अगस्त तक एनपीए एकाउंट से 103.26 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. इसके लिए अधिकरण के पीठासीन पदाधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में वसूली अधिकारी ने अलग तरकीब आजमाये. इसके तहत झारखंड की कई बड़ी कंपनियों से कर्ज वसूली के मामले आपसी समझौते से भी सुलझाये गये हैं. यह डीआरटी झारखंड के गठन के बाद सबसे अधिक और पूर्वी भारत में अब तक की रिकॉर्ड वसूली है.
बंधक रखी संपत्तियों को बेच कर वसूले 20.70 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान बंधक रखी गयी संपत्तियों को बेच कर 18 बड़े खातों में 20.70 करोड़ वसूले गये. जबकि, इस साल समाप्त तिमाही में 14.68 करोड़ की वसूली हुई है. वहीं, मोहलत मांगनेवाले 42 कर्जधारकों को से डीआरटी ने 22.63 करोड़ वसूले हैं. कई मामलों में डीआरटी ने डिफॉल्टर्स की ओर से बंधक रखी गयी संपत्तियों को बेच कर वसूली की है. ऐसे 238 बड़े अकाउंट की पहचान की गयी थी. इनमें प्रॉपर्टी सेल करने के लिए नोटिस जारी की गयी. इनमें 64 खातों में गिरवी रखी संपत्तियों की नीलामी हुई, जिससे इनसे 42.08 करोड़ की वसूली हुई है. यहां 60 प्रतिशत तय लक्ष्य के मुकाबले 90 फीसदी उपलब्धि हासिल हुई. हजारीबाग, रामगढ़, रांची समेत कई जिलों के बड़े बकायेदारों से ऋण की वसूली की गयी है.
केस स्टडी – 1
रामगढ़ स्थित एमके प्रभातम बिल्डवेल ने 44.52 करोड़ के सर्टिफिकेट अमाउंट के साथ इंट्रेस्ट लोन लिया था. यह लोन 2015 से ही बकाया था. बाद में ऋणदाता हुडको ने उस प्रॉपर्टी की 110 करोड़ से ज्यादा कीमत लगायी. ट्रिब्यूनल ने मॉल बनाने के लिए उधारकर्ता को किस्तों में एनओसी दिलाया. मॉल तैयार हो गया व हुडको का 43.64 लाख रिकवर हो गयी.
केस स्टडी – 2
उद्योगपति सरावगी बंधु पर पांच करोड़ बकाये थे, जिसकी रिकवरी लंबे समय से नहीं हो रही थी. कांके रोड में उनके चार अपार्टमेंट थे. साथ ही मेन रोड में एक संपत्ति थी. इन पर सीबीआइ जांच चल रही थी. ट्रिब्यूनल ने उनसे पूरी रकम की वसूलने में कामयाब रहा. उनकी संपत्तियों को अटैच कर उक्त राशि को वसूल किया गया.
क्या कहते हैं अधिकारी
डिफॉल्टरों से वसूली के मामले में यह सरकार और बैंकों के हित के लिए सकारात्मक नतीजे हैं. यह पूर्वी भारत में सबसे ज्यादा वसूली की राशि है. झारखंड के लिए यह बड़ी उपलब्धि है.
कन्हैया कुमार, रिकवरी अधिकारी