Jharkhand Defections Case, Babulal Marandi Defection Case , रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने दलबदल मामले में विधानसभाध्यक्ष द्वारा जारी शो कॉज नोटिस व स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार को चुनाैती देनेवाली याचिकाअों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की.
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दाैरान प्रतिवादी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि विधानसभाध्यक्ष दलबदल के स्वत: संज्ञान के मामले में आगे नहीं बढ़ेंगे. जो दूसरी शिकायत हैं, उसमें वह प्रोसिड करेंगे. इस पर खंडपीठ ने श्री सिब्बल से कहा कि आप जो माैखिक कह रहे हैं, उसे लिखित रूप से शपथ पत्र के माध्यम से दायर करें.
विधानसभाध्यक्ष के शपथ पत्र पर यदि प्रार्थी को कुछ कहना है, तो वह भी प्रति उत्तर दायर करें. इस आलोक में प्रार्थी बाबूलाल ने बुधवार को ही अपना जवाब दाखिल कर िदया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 14 जनवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता आर वेंकटरमणी, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अधिवक्ता कुमार हर्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए प्रतिवादी की दलीलों का विरोध किया.
विधानसभाध्यक्ष के शपथ पत्र पर प्रति उत्तर दायर करने की बात कही. वहीं विधानसभाध्यक्ष की ओर से 12 जनवरी को शपथ पत्र दायर किया गया, जिसमें कहा गया है कि विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में दलबदल मामले में कार्यवाही चलने के दाैरान बीच में हाइकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती है.
जब तक विधानसभाध्यक्ष द्वारा मामले का निष्पादन नहीं कर दिया जाता है, तब तक हाइकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती है. प्रार्थी बाबूलाल मरांडी व भाजपा की अोर से दायर याचिका मेंटनेबल (सुनवाई योग्य) नहीं है. न्यायाधिकरण द्वारा सुनाये गये फैसले को चुनाैती दी जा सकती है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बाबूलाल मरांडी ने याचिका दायर कर विधानसभाध्यक्ष द्वारा 10वीं अनुसूची के तहत जारी नोटिस को चुनाैती दी है.
वहीं भाजपा की अोर से भी याचिका दायर की गयी है. भाजपा ने विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का नेता घोषित करने के लिए उचित आदेश देने की मांग की है. विधानसभाध्यक्ष की नोटिस को भी चुनाैती दी गयी है. पिछली सुनवाई के दाैरान हाइकोर्ट ने स्पीकर द्वारा 10वीं अनुसूची के तहत जारी नोटिस पर रोक लगा दी थी.
विधानसभाध्यक्ष की अोर से हाइकोर्ट में बुधवार को पूरक शपथ पत्र दायर किया गया. इसमें कहा गया है कि दलबदल के स्वत: संज्ञान मामले में वह प्रोसिड नहीं करेंगे. सुनवाई के दाैरान वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने माैखिक रूप से हाइकोर्ट को जानकारी दी थी, जिस पर कोर्ट ने लिखित रूप में शपथ पत्र के माध्यम से दायर करने का निर्देश दिया था. शपथ पत्र की प्रति प्रार्थी को भी साैंपी गयी है.
झाविमो का भाजपा में विलय करनेवाले बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनुसूची के तहत पांचवां मामला दर्ज किया गया है़ विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की शिकायत पर विधानसभा ने श्री मरांडी से जवाब मांगा है़ श्री मरांडी को 21 जनवरी तक स्पीकर के न्यायाधीकरण में अपना पक्ष रखना है़ इससे पूर्व श्री मरांडी को दलबदल के मामले में चार नोटिस भेजा जा चुका है़
भाजपा विधायक दल के नेता पर विधायक भूषण तिर्की, दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से शिकायत की है कि श्री मरांडी ने दलबदल कानून का उल्लंघन किया है़ विधायकों ने आरोप लगाया है कि श्री मरांडी ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करते झाविमो से भाजपा में शामिल हुए है़ं
प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के शिकायत पत्र में उल्लेख है कि श्री मरांडी ने अकेले भाजपा में शामिल हुए़ वहीं झाविमो से जीत कर आने वाले दो विधायक एक साथ कांग्रेस में शामिल हुए़ दलबदल के लिए दो-तिहाई का संख्या बल होना जरूरी है़ भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी पर राजधनवार से माले के विधायक रहे राजकुमार यादव ने 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल पर कार्रवाई की मांग की है़ श्री यादव की शिकायत पर भी श्री मरांडी से जवाब मांगा गया है़
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर रबींद्रनाथ महतो द्वारा दलबदल के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला चलाये जाने के खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था़ श्री मरांडी की याचिका पर हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पीकर को 13 जनवरी तक सुनवाई स्थगित रखने को कहा था़ स्पीकर श्री महतो इस मामले में दो अलग-अलग दिन श्री मरांडी सहित प्रदीप यादव व बंधु तिर्की पर 10वीं अनुसूची के तहत सुनवाई भी की है़ विधानसभा ने अब श्री मरांडी को 21 जनवरी के एक बजे तक अपना पक्ष रखने को कहा है़
Posted By : Sameer Oraon