शिवाजी महान कैरे ने झारखंड की पुलिसिंग में कई स्वस्थ परंपराओं की नींव रखी
झारखंड पुलिस बल को उसके प्रारंभिक वर्षों में सशक्त नेतृत्व प्रदान करनेवाले स्मृतिशेष शिवाजी महान कैरे को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए बल के सभी पदाधिकारी व कर्मी विह्वल और भावनाओं एवं स्मृतियों से अभिभूत हैं.
नीरज सिन्हा:
शिवाजी महान कैरे झारखंड राज्य के प्रथम पुलिस महानिदेशक थे. झारखंड पुलिस बल के प्रारंभिक वर्षों में वे दो बार झारखंड के पुलिस महानिदेशक रहे. उन्होंने झारखंड पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान कई स्वस्थ परंपराओं को स्थापित किया, और बल को नेतृत्व प्रदान किया. कैरे ऊंची कद-काठी के व्यक्ति थे और सार्वजनिक जीवन में भी उनका कद एवं व्यक्तित्व उतना ही ऊंचा रहा. वे धर्मपरायण व्यक्ति एवं शिव के भक्त थे. स्मरण है कि एक बार पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, हजारीबाग में उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि अपने शस्त्रों को शिवदूति मानिए.
जैप- वन परिसर स्थित खुकुरी कुटीर में और कांके रोड में उनके आवासन से संबंधित भावविह्वल कर देनेवाली कई स्मृतियां हैं. झारखंड पुलिस बल को उसके प्रारंभिक वर्षों में सशक्त नेतृत्व प्रदान करनेवाले स्मृतिशेष शिवाजी महान कैरे को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए बल के सभी पदाधिकारी व कर्मी विह्वल और भावनाओं एवं स्मृतियों से अभिभूत हैं.
(लेखक रिटायर्ड आइपीएस हैं और झारखंड के पूर्व डीजीपी रहे हैं.)
झारखंड के पहले डीजीपी शिवाजी महान कैरे का निधन
रांची. झारखंड के पहले डीजीपी शिवाजी महान कैरे का दो सितंबर को नयी दिल्ली में निधन हो गया. पांच सितंबर को नयी दिल्ली के विकासपुरी स्थित आर्य समाज मंदिर में शांतिपाठ किया जायेगा. उनके परिवार में पत्नी, पुत्र, पुत्री व अन्य हैं. उनके निधन की सूचना पर पुलिस मुख्यालय में शोकसभा हुई.