पीएम मोदी की मीटिंग में झारखंड को फिर नहीं मिला अपनी बात रखने का मौका

बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा समेत 10 राज्यों के जिला अधिकारियों और जमीन पर काम करनेवाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे. इस दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भी उपस्थिति रही. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से बचाव संबंधी नियमों का पालन करना ही इस बीमारी से बचने का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने कहा कि जब आंकड़े कम होने लगते हैं, तो लोग सोचते हैं कि अब घबराने की जरूरत नहीं है. पर ऐसा नहीं करना है. मामले घटने के बाद भी हर जरूरी सावधानी बरतनी ही होगी. प्रधानमंत्री ने राज्यों के प्रशासन और जिलाधिकारियों से जिलों के स्तर पर इस रोग की गंभीरता से संबंधित आंकड़े जुटाने को कहा है,ताकि भविष्य में उनका इस्तेमाल हो सके.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2021 1:20 PM

Jharkhand News, Cm Hemant soren on PM Modi meeting रांची : देश में कोरोना के हालात को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही वीडियो कांफेंसिंग के दौरान एक बार फिर झारखंड को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला. देश भर के 54 उपायुक्तों के साथ बुलायी गयी ऑनलाइन बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत राज्य के सभी वरीय अधिकारी शामिल थे. राज्य से उपायुक्त के रूप में केवल रांची डीसी छविरंजन को बैठक में बुलाया गया था. लेकिन, उनकी बारी भी नहीं आयी. करीब 1.5 घंटे चली बैठक में मौजूद मुख्यमंत्रियों में से भी किसी को बोलने का मौका नहीं दिया गया.

बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा समेत 10 राज्यों के जिला अधिकारियों और जमीन पर काम करनेवाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे. इस दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भी उपस्थिति रही. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से बचाव संबंधी नियमों का पालन करना ही इस बीमारी से बचने का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने कहा कि जब आंकड़े कम होने लगते हैं, तो लोग सोचते हैं कि अब घबराने की जरूरत नहीं है. पर ऐसा नहीं करना है. मामले घटने के बाद भी हर जरूरी सावधानी बरतनी ही होगी. प्रधानमंत्री ने राज्यों के प्रशासन और जिलाधिकारियों से जिलों के स्तर पर इस रोग की गंभीरता से संबंधित आंकड़े जुटाने को कहा है,ताकि भविष्य में उनका इस्तेमाल हो सके.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप बच्चों और युवाओं को प्रभावित करनेवाला है. महामारी की दूसरी लहर के बीच यह एक चुनौती है. इस तरह के बहुरूपिया और धूर्त वायरस से निबटने के लिए हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए. नयी चुनौतियों के बीच नयी रणनीतियों और नये समाधान की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आनी शुरू हो गयी है, लेकिन जब तक यह संक्रमण छोटे स्तर भी मौजूद है, चुनौती खत्म नहीं होगी.

Posted By : Sameer Oraon

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