Loading election data...

झारखंड डिप्लोमा फार्मेसी परीक्षा: एक ही उत्तर पुस्तिका में थी अलग-अलग लिखावट, शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं

समिति के सदस्य ने परीक्षक और पर्यवेक्षक के शिकायत पत्र को संलग्न करते हुए 21 जनवरी 2022 को दोबारा पत्र लिखा और जांच कराने की मांग की. इसमें बताया गया कि 10 अक्तूबर 2021 को आधिकारिक वाट्सऐप पर इसकी जानकारी देते हुए जांच का आग्रह किया

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2022 7:20 AM

झारखंड में डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा-2020 में अनियमितता का मामला अब भी फाइलों में दबा है. जबकि, इसकी शिकायत डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा समिति से की गयी थी. इसमें कहा गया था कि परीक्षा में कई अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका में अलग-अलग लिखावट पायी गयी है. इसकी शिकायत परीक्षकों और पर्यवेक्षकों ने लिखित में की थी. समिति के एक सदस्य ने समिति के अन्य सदस्यों और फार्मेसी काउंसिल को इससे अवगत भी कराया था. लेकिन, दो साल बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

इधर, समिति के सदस्य ने परीक्षक और पर्यवेक्षक के शिकायत पत्र को संलग्न करते हुए 21 जनवरी 2022 को दोबारा पत्र लिखा और जांच कराने की मांग की. इसमें बताया गया कि 10 अक्तूबर 2021 को आधिकारिक वाट्सऐप पर इसकी जानकारी देते हुए जांच का आग्रह किया गया था. इसकी छायाप्रति भी परीक्षा समिति को उपलब्ध करायी गयी थी. वहीं, इस मुद्दे पर 27 अक्तूबर को डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा समिति की बैठक भी आयोजित की गयी थी, जिसमें सरकार से दिशा-निर्देश मांगने पर सहमति बनी थी.

फार्माकोलॉजी के विभागाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों ने परीक्षा का रिजल्ट निकालने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. लेकिन, इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. ऐसे में फार्मेसी परीक्षा समिति पर भी सवाल उठता है. हालांकि, परीक्षा देनेवाले सभी विद्यार्थी पास होकर अपने प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके है. सूत्रों ने यह भी बताया कि वर्ष 2020 की परीक्षा में 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को भी परीक्षा में शामिल करा दिया गया था.

Next Article

Exit mobile version