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झारखंड के डॉक्टर वेतन ले रहे सरकार से, लेकिन सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी में कर रहे ज्यादा सर्जरी

झारखंड में सरकारी अस्पताल (सदर अस्पताल और सीएचसी) की तुलना में निजी अस्पतालों में 10 से 25 गुना तक ज्यादा आइ सर्जरी होती है. हालांकि सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पताल में सुविधाएं कम हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 2, 2022 6:53 AM

Jharkhand News, Ranchi News रांची: झारखंड के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर वेतन तो सरकार से लेते हैं लेकिन उनके पास सर्जरी करने सरकारी अस्पतालों में वक्त नहीं है, वे निजी अस्पतालों में सरकारी से ज्यादा सर्जरी करते हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं. ये आयुष्मान के तहत की गयी सर्जरी आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. आंकड़ों की माने तो डॉक्टर अपने यहां मुश्किल से तीन से 50 ऑपरेशन ही करते हैं, लेकिन निजी अस्पताल में वही डॉक्टर 2,500 से 4,399 ऑपरेशन कर देते हैं.

डॉ अग्नेश ने निजी अस्पताल मे किये 9482 ऑपरेशन :

गोड्डा सदर अस्पताल में तैनात डॉ अग्नेश कुमार सिन्हा ने अपने अस्पताल में मात्र 13 ऑपरेशन किये, जबकि उन्होंने करीब 13 निजी अस्पतालों में 9,482 ऑपरेशन कर दिये हैं. हालांकि सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि डॉ अग्नेश ने लिखकर दिया है कि वह दो निजी अस्पताल में ही सेवा देते हैं. इसके अलावा रामगढ़ में तैनात डॉ अर्चना कुमारी ने सदर अस्पताल में 51 ऑपरेशन किया और दो निजी अस्पताल में 98 सर्जरी की.

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खूंटी में तैनात डॉ अशोक कुमार ने सदर अस्पताल में एक भी ऑपरेशन नहीं किया, जबकि दो निजी अस्पताल में 423 ऑपरेशन किये. गिरिडीह में तैनात डॉ बीरेंद्र कुमार ने जिला अस्पताल में 47 ऑपरेशन किया, जबकि चार निजी अस्पताल में 4,115 ऑपरेशन किये. गिरिडीह के ही डॉ दीपक ने सदर अस्पताल में तीन ऑपरेशन किया,जबकि एक निजी अस्पताल में उन्होंने 4,399 ऑपरेशन किये.

पलामू मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ राकेश कुमार ने सदर अस्पताल डल्टेनगंज में 199 और चार निजी अस्पताल में 2,353 ऑपरेशन किया. रांची सदर अस्पताल में डॉ वात्सल लाल ने जिला अस्पताल में 20 ऑपरेशन किया, वहीं हरमू स्थित एक निजी अस्पताल में 75 सर्जरी की. रामगढ़ में तैनात डॉ प्रीतेश प्रणय ने जिला अस्पताल में 250 ऑपरेशन किया और निजी अस्पताल में 1,241 सर्जरी की.

रांची सिविल सर्जन ने लिखा पत्र :

रांची सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने जिला अस्पताल व पीएचसी-सीएचसी में आंख का ऑपरेशन कम होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है.

सरकारी अस्पताल में एक सर्जरी के मिलते हैं 350 से 400 रुपये, वहीं निजी अस्पताल में 1,000 से 1,500

नेत्र चिकित्सक कई निजी अस्पतालों में देते हैं सेवा, इसलिए सदर अस्पताल में कम होती है सर्जरी

सदर अस्पताल में 10 से 13 की सर्जरी,लेकिन निजी अस्पताल में 1,000 से 1,100 मरीजों की हुई

निजी अस्पताल में ऑपरेशन के वसूलते हैं ज्यादा पैसे

आयुष्मान के तहत सरकारी अस्पताल में फेको के लिए 7,500 और सामान्य ऑपरेशन के लिए 5,500 रुपये मिलते हैं. ऑपरेशन के पैकेज का 25 फीसदी प्रोत्साहन राशि के लिए होता है,जिसका 25 फीसदी डॉक्टर को मिलता है. यानी एक सामान्य ऑपरेशन के लिए डॉक्टर को 350 से 400 रुपये तक मिलते हैं. वहीं निजी अस्पताल (एनएबीएच नहीं) में इस पैकेज से डॉक्टर को 1,000 से 1,500 रुपये तक मिल जाते हैं.

Posted By: Sameer Oraon

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