झारखंड में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, शुरू हुई ओपीडी सेवाएं, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
राज्य भर के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टरों का हड़ताल खत्म हो चुका है. फिर से ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी गई है. बता दें कि सुबह 6 बजे से ही डॉक्टरों का हड़ताल जारी था.
Doctors Strike in Jharkhand: डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो चुकी है. डॉक्टरों के हड़ताल से अस्पतालों में सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन हड़ताल समाप्त होते ही अस्पतालों की रौनक लौट आई. बता दें कि सुबह 6 बजे से ही राज्य भर के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टरों का हड़ताल जारी था. डॉक्टर एमजीएम जमशेदपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना का विरोध कर रहे थे. साथ ही मेडिकल सेवाएं बंद थी, केवल इमरजेंसी सेवाएं ही खुली थी. घटना के आरोपी की गिरफ्तारी कर लिए जाने के बाद आईएमए ने हड़ताल को वापस ले लिया.
डॉक्टर मारपीट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की कर रहे थे मांग
बता दें कि आइएमए और झासा के आह्वान पर राज्य भर के सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर रहे थे. इस आंदोलन के तहत राज्य के डॉक्टरों का कहना था कि यह आंदोलन आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक जारी रहेगा. डॉक्टर मारपीट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र सह चिकित्सक डॉ कमलेश उरांव के साथ पिछले दिनों मारपीट की गयी थी. आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर के कमरे में घुसकर हमला कर दिया था. इस दौरान डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गये थे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था. इसके विरोध में एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद एमजीएम के ओपीडी के मेन गेट को बंद कर धरना दिया गया था. डॉक्टर सुबह नौ से लेकर दोपहर 12.30 बजे तक हड़ताल पर रहे थे. इस दौरान मारपीट करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की गयी थी. अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट बनाने और डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की गयी थी.
Also Read: MGM में बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने ऑन ड्यूटी डॉक्टर को पीटा, विरोध में ओपीडी बंदचाईबासा में डॉक्टर्स की हड़ताल कुछ घंटे में ही खत्म
चाईबासा में डॉक्टर्स की हड़ताल कुछ घंटे में ही खत्म हो गयी. चिकित्सक सुबह 6 बजे से 12 बजे तक करीब सात घंटों तक सदर अस्पताल ओपीडी के मुख्य गेट पर हड़ताल पर डटे रहे. हड़ताल खत्म होते ही फिर से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गयी. डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से मरीज काफी परेशान थे. दोपहर 12 बजे सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल को राज्य से चिकित्सकों की हड़ताल खत्म करने की सूचना मिली. सिविल सर्जन हड़ताल पर बैठे चिकित्सकों के पास जाकर राज्य से मिली आश्वासन की जानकारी हड़ताली चिकित्सकों दी. इसके बाद चिकित्सकों ने अपनी हड़ताल को वापस ले ली. चिकित्सकों के काम पर लौटने के बाद मरीजों को राहत मिली.
जल्द लागू होगा मेडिकल प्रोटेक्शन बिल
झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) चाईबासा के संयुक्त सचिव डॉ दिनेश सवैंया ने हड़ताल वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी मुख्य मांग थी कि एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर में डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए एवं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए. उन्होंने बताया कि आइएमए और झासा के आह्वान पर राज्यभर के सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये थे. हड़ताल शुक्रवार सुबह 6 बजे से शुरू हो गया था. कहा कि एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक से हुए मारपीट के बाद कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध में थे. उन्होंने कहा कि हड़ताल खत्म कर दी है लेकिन जल्द से जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लागू करने का आश्वासन मिली है. पश्चिमी सिंहभूम जिला के सरकारी अस्पताल के 66 चिकित्सक हड़ताल पर थे.