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किस प्रावधान के अनुरूप आयेगा स्थानीय विधेयक, विधायकों को दी गयी कॉपी

सरकार ने राज्यपाल की आपत्तियों पर कोई बदलाव नहीं करते हुए, उसी रूप में भेजा है. विधेयक में खतियान आधारित पहचान और तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी में प्राथमिकता की बात कही गयी है

रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से 1932 के आधार पर स्थानीयता की पहचान व लाभ से संबंधित विधेयक की कॉपी वितरित की गयी है. सरकार पुराने प्रावधान के साथ ही स्थानीयता का विधेयक लायेगी. विधायकों को विधेयक की कॉपी के साथ राज्यपाल के संदेश की प्रति भी दी गयी है.

सरकार ने राज्यपाल की आपत्तियों पर कोई बदलाव नहीं करते हुए, उसी रूप में भेजा है. विधेयक में खतियान आधारित पहचान और तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी में प्राथमिकता की बात कही गयी है. इसी प्रावधान पर राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया की राय हवाला देते हुए इसी प्रावधान पर सवाल उठाया था.

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रोजगार मेला के जरिये निजी क्षेत्रों में 56,622 को नौकरी

राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय के लिए आरक्षित कर दिया है. सीएम द्वारा विभिन्न रोजगार मेला में निजी क्षेत्र में अब तक 56,622 को नियुक्ति पत्र सौंपा जा चुका है. इसके अलावा निजी क्षेत्र में समय-समय पर नियोजनालयों द्वारा भी अपने स्तर से नियुक्ति पत्र वितरित किये जाते रहे हैं. इन नियुक्ति में नियोजनालयों में निबंधित बेरोजगार, स्किल डेवलपमेंट मिशन से प्रशिक्षित युवा तथा आइटीआइ कर चुके युवा शामिल हैं. इनमें नन मैट्रिक से लेकर पीजी और डिप्लोमा प्राप्त कर चुके युवा भी शामिल हैं.

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