रांची: नशामुक्त झारखंड बनाने के लिए बुधवार को झारखंड मंत्रालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से झारखंड को नशामुक्त बनाना है. इसके लिए सख्ती भी बरती जाएगी. नशे के कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हम सभी को न सिर्फ नशे पर नकेल कसने के लिए खुद जागरूक होना है, बल्कि दूसरों को भी जागरूक करना है. इस संकल्प से ही हम झारखंड को नशामुक्त बना सकते हैं.
नशे से दूर रहने की ली शपथ
झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड को नशामुक्त प्रदेश बनाना है. इसमें हर किसी को अपनी सहभागिता निभानी होगी. सभी के प्रयासों से ही मादक और नशीले पदार्थों पर रोकथाम संभव है. इस अवसर पर सभी ने नशा मुक्त झारखंड अभियान के तहत एकजुट होकर स्वयं, परिवार और समाज को नशा से दूर रहने की शपथ ली.
नशे को लेकर दूसरों को भी करेंगे जागरूक
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि नशे पर नियंत्रण की दिशा में जागरूकता रथ को रवाना किया जाना एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे नशे के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी. लोग यह समझ सकेंगे कि नशे की वजह से उनका कितना नुकसान हो रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नशे के खिलाफ प्रचार -प्रसार से लोग जागरूक होंगे और दूसरों को भी नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करेंगे.
नशे पर नकेल है जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर समाज और बेहतर राज्य बनाने के लिए नशा पर नियंत्रण बहुत जरूरी है. शहर हो या गांव, हर किसी को नशे से दूर रहना होगा. जो नशा को बढ़ावा दे, उसे भी रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. हर किसी के सहयोग से हम अपने इस अभियान में निश्चित तौर पर सफल होंगे. अगर अगर हम आज नशा पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे तो आगे और भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए हर तरह के नशे की प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत है.
नशे से समाज में फैल रहीं विकृतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि नशे की वजह से समाज में तरह-तरह की विकृतियां फैलती हैं. इससे युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती है. परिवार में अलगाव की स्थिति पैदा होती है. आपसी संबंधों में दरार आने लगता है. समाज गलत दिशा में आगे बढ़ने लगता है. सबसे बड़ी बात कि नशा का सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर इसका काफी नकारात्मक असर पड़ता है. शारीरिक और मानसिक बीमारियां उसे गिरफ्त में लेने लगती हैं. यह उस व्यक्ति के साथ उसके परिवार समाज और राज्य के लिए भी स्वस्थ नहीं है. ऐसे में युवाओं को नशा से दूर रहना होगा. यह तभी संभव है, जब उन्हें नशे के दुष्प्रभाव से अवगत किया जाएगा. उन्हें नशा के खिलाफ जागरूक करना होगा. इस कड़ी में इन जागरूकता रथों की भूमिका भी काफी मायने रखेगी.
6 जागरूकता रथ किए गए रवाना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नशा मुक्त झारखंड बनने के लिए 6 जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसमें चार जागरूकता रथ रांची और एक-एक रामगढ़ और खूंटी जिले के लिए है. विदित हो कि झारखंड के सभी जिलों में 19 से 26 जून तक नशे के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ निकाले जा रहे हैं. ये सभी जागरूकता रथ शहर से लेकर सुदूर गांवों का भ्रमण करेंगे. इसके जरिए लोगों को नशे के दुष्प्रभाव और उससे बचाव से अवगत कराया जाएगा. इस अवसर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक जीगा सुसारण होरो, मुख्य सचिव एल खियांग्ते, प्रधान सचिव वंदना दादेल और पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह समेत कई वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.