झारखंड की कुल झुग्गी आबादी के 72.4 फीसदी लोग रहते हैं रांची-जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी विकास के ऐसे उच्च स्तर की वजह से शहरों की समस्याओं को दूर करने में कई जटिल समस्याएं आती हैं. झारखंड की कुल झुग्गी आबादी का लगभग 72.4 प्रतिशत अकेले प्रथम श्रेणी के शहरों में निवास करता है.
झारखंड सरकार ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने वर्ष 2022-23 का आर्थिक लेखा-जोखा पेश किया. इसमें उन्होंने बताया कि झारखंड में झुग्गियों में रहने वाली जितनी आबादी है, उनमें से 72.4 फीसदी लोग राजधानी रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसी राज्य की फर्स्ट क्लास सिटीज में रहते हैं. आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि पिछले एक दशक में शहरों की आबादी तेजी से बढ़ी है. शहरी आबादी में इस दौरान 32.4 फीसदी की वृद्धि हुई है.
झुग्गी आबादी का 19.9 फीसदी हिस्सा रांची में
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी विकास के ऐसे उच्च स्तर की वजह से शहरों की समस्याओं को दूर करने में कई जटिल समस्याएं आती हैं. झारखंड की कुल झुग्गी आबादी का लगभग 72.4 प्रतिशत अकेले प्रथम श्रेणी के शहरों में निवास करता है. राजधानी रांची में झुग्गी आबादी का सबसे अधिक हिस्सा (19.9 प्रतिशत) है.
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लोगों को बुनियादी सुविधाएं दे पाना बड़ी चुनौती
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने स्वीकार किया है कि लगातार बढ़ती शहरी आबादी के लिए आवास, पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य और परिवहन जैसी बुनियादी शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि, झारखंड के कई शहरों ने लोगों तक इन सुविधाओं को पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं.
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रांची ने जीता अवार्ड, जमशेदपुर झारखंड का सबसे स्वच्छ शहर
आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि रांची स्मार्ट सिटी ने इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता में ‘स्मार्ट सिटीज लीडरशिप अवार्ड’ जीता, जमशेदपुर को 3-स्टार रेटिंग मिली और इसे झारखंड का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया.