रांची : झारखंड में ईडी की टीम कल पंकज मिश्रा समेत अन्य कई लोगों के पर ठिकानों पर छापेमारी की. इडी की टीम ने शुक्रवार की सुबह साहिबगंज, राजमहल, मिर्जा चौकी, बरहरवा व बरहेट समेत 18 ठिकानों पर सुबह साढ़े 6 बजे ही पहुंच गयी. करीब 50 वाहनों से ईडी के 150 अधिकारी अचानक पहुंच गये. वहीं, 150 की संख्या में सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे. छापेमारी के लिए जब वे पहुंचे तो लोकल पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी.
टीम ने साहिबगंज जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, एलसीटी फेरी सेवा के संचालक डाहू यादव के साहिबगंज स्थित आवास, साहिबगंज के पत्थर व्यवसायी छोटू यादव व कन्हैया खुडानिया, स्वर्ण व्यवसायी संजय दीवान, मिर्जा चौकी के पत्थर व्यवसायी ट्विंकल भगत, पतरू सिंह व राजू भगत, पश्चिम बंगाल के पत्थर व्यवसायी सुब्रतो पाल के बरहरवा स्थित लोलो पैलेस (पुराने कार्यालय), बरहेट के ट्रक मालिक निमाय शील, बरहरवा के पत्थर व्यवसायी कृष्णा साहा,
राजमहल के पत्थर व्यवसायी विक्रम प्रताप उर्फ सोनू सिंह, बरहरवा के ठेकेदार भावेश भगत, बरहरवा के पत्थर व्यवसायी भगवान भगत समेत कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कई पत्थर व्यवसायी अपने घर से बाहर थे. छापेमारी के दौरान जो पत्थर व्यवसायी अपने घर में मौजूद थे, उनसे अवैध खनन के बारे में जानकारी ली गयी.
शुक्रवार की सुबह 6:45 बजे चार वाहनों (बीआर-01पीके-2870, बीआर-06पीसी-3700, बीआर-04पीए-0358 व एक अन्य वाहन) से इडी की टीम पहुंची थी. टीम पंकज मिश्रा के घर पर गयी. दरवाजा खुलवाने के बाद पूछने पर परिजनों ने कहा कि पंकज मिश्रा घर पर नहीं हैं. परिवार ने बताया कि पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे हैं. इलाज के लिए चार-पांच दिन पहले साहिबगंज से बाहर गये हैं.
सुबह 8:30 बजे एक सदस्य बाहर आये और एक स्कॉर्पिंयो गाडी से नास्ता लाने के लिए बाजार गये. 20 मिनट बाद वापस लौटे. पुन: 10 बजे एक सदस्य फिर बाहर आये और हाउस गार्ड के साथ मिलकर एसडीओ कोठी व एसडीओ कार्यालय पहुंच चाय दुकान से चाय पी और वापस आये. किसी भी व्यक्ति को बाहर या अंदर आने-जाने नहीं दिया गया. घर का दरवाजा बंद कर परिजनों से दिन भर पूछताछ की गयी.
होटल लोलो पैलेस के सामने टीम ने सुबह 6:20 बजे एक पूर्व जिला परिषद सदस्य को मोबाइल पर बात करते हुए रोका. उन्हें गाड़ी में बैठा कर मोबाइल जब्त कर विभिन्न पत्थर कारोबारियों के बारे में पूछताछ की. टीम करीब एक घंटे तक उन्हें रिसौड़, मेन रोड, पतना चौक घुमाती रही. करीब 11 बजे उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर की जानकारी लेने के बाद मोबाइल वापस कर दिया.
इडी की टीम ले छापेमारी में लोकल पुलिस का सहयोग नहीं लिया. इस कारण जब इडी की टीम ने विभिन्न पत्थर व्यवसायियों के यहां छापेमारी की, तो लोग कुछ घंटों तक समझ ही नहीं पाये कि यह कौन सी टीम है. स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं थी. जिस-जिस लोकेशन पर छापेमारी हो रही थी, वहां से कुछ दूरी पर मीडियाकर्मी व लोग भी मौजूद थे.
Posted By: Sameer Oraon