रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पल्स अस्पताल के एमडी अभिषेक झा का बयान दर्ज किया. इसके बाद सीए सुमन कुमार से दोनों के संबंधों के बारे में आमने-सामने पूछताछ की. सीए ने जब्त पैसों को अपना और अपने क्लाइंट का बताया. यह भी कहा कि क्लाइंट का नाम बताने पर उसकी जान काे खतरा है.
इससे पहले शनिवार को इडी ने छापेमारी समाप्त करने के बाद पल्स के एमडी अभिषेक झा को रविवार को अपने कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था. इसके आलोक में वे इडी के कार्यालय में हाजिर हुए. इडी ने उनकी व्यापारिक गतिविधियों और सीए सुमन कुमार से उनके संबंधों के बारे में पूछताछ की. साथ ही उनका बयान दर्ज किया.
हालांकि जांच एजेंसी ने उनके बयान के सिलसिले में किसी तरह की जानकारी देने से इनकार किया है. इडी के अधिकारियों ने सीए सुमन कुमार को न्यायालय के आदेश के आलोक में आज से पांच दिनों की रिमांड पर लिया. आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद पूछताछ के लिए सीए सुमन कुमार को जेल से इडी कार्यालय लाया गया. इस दौरान वह उसके घर से जब्त पैसों को अपना बताता रहा.
हालांकि पैसों का सही-सही स्रोत बताने में असमर्थ होने के बाद उसने पैसा अपने क्लाइंट (मुवक्किलों) का होने का दावा किया. इडी के अधिकारियों द्वारा सभी क्लाइंट और उनके द्वारा दी गयी राशि का विस्तृत ब्योरा पूछे जाने पर सीए ने पहले आना-काना की. फिर कहने लगा कि वह क्लाइंट का नाम नहीं बता सकता है, क्योंकि इससे उसकी जान को खतरा हो सकता है. इडी के अधिकारियों ने सीए से पल्स के एमडी और उसके संबंधों के बारे में पूछताछ की.
क्योंकि वह अभिषेक झा का भी हिसाब-किताब देखता है. उल्लेखनीय है कि इडी ने सीए काे कोर्ट में पेश करने के दौरान अदालत को यह जानकारी दी थी कि खूंटी मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान तत्कालीन उपायुक्त की भूमिका प्रथमदृष्ट्या संदेहास्पद पायी गयी है. जांच के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली थी कि उनके पति अभिषेक झा का हिसाब-किताब भी सीए सुमन कुमार देखता है. इसी सूचना के आधार पर सीए के ठिकाने पर छापा मारा गया था. वहां से इडी को 17.60 करोड़ रुपये नकद मिले. यह राशि किन किन लोगों की है. इसका पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.
Posted By: Sameer Oraon