Jharkhand: पारा शिक्षकों को हुए भुगतान की शिक्षा सचिव ने मांगी रिपोर्ट
राज्य में पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) की मानदेय बढ़ोतरी में नियमावली की अनदेखी की गयी है. पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद ही मानदेय में बढ़ोतरी की जायेगी.
सुनील कुमार झा
Jharkhand News: राज्य में पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) की मानदेय बढ़ोतरी में नियमावली की अनदेखी की गयी है. पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद ही मानदेय में बढ़ोतरी की जायेगी. लेकिन बिना प्रमाण पत्र जांच के ही मानदेय में बढ़ोतरी कर दी गयी है.
शिक्षा सचिव हुए गंभीर
शिक्षा सचिव ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. राज्य में लगभग 62 हजार पारा शिक्षक हैं. इनमें से लगभग 13 हजार पारा शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल हैं. इन शिक्षकों के अलावा 49 हजार पारा शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल नहीं है. शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच की प्रक्रिया चल रही है.
शिक्षा परियोजना से स्पष्टीकरण पूछा
जिन पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हुआ, उनका भी मानदेय बढ़ा दिया गया है. बिना प्रमाण पत्र सत्यापन के मानदेय बढ़ोतरी का मामला स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संज्ञान में आया है. शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा ने पूरे मामले में झारखंड शिक्षा परियोजना से विस्तृत जानकारी मांगी है. शिक्षा परियोजना से पूछा गया है कैसे नियमावली के प्रावधानों की अनदेखी कर पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर दी गयी. इसको लेकर शिक्षा परियोजना से स्पष्टीकरण पूछा गया है.
क्या कहती है नियमावली
पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली की कंडिका सात (चार) में कहा गया है कि सभी विधिवत रूप से चयनित सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) के मानदेय में बढ़ोतरी उनके शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र सत्यापन के आधार पर प्रदान की जायेगी. प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने की स्थिति में उन्हें दिये गये मानदेय की वसूली के साथ-साथ उनके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जायेगी. जिन पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन पूर्व में हो गया है, उनके प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं करने को कहा गया था.
यह मिलेगा लाभ
शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 फीसदी व जो पात्रता परीक्षा सफल नहीं हैं, उनके मानदेय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. जो शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल नहीं हैं, उनके मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी आकलन परीक्षा के बाद की जायेगी. आकलन परीक्षा को लेकर इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में 49 हजार पारा शिक्षकों का बिना प्रमाण पत्र सत्यापन के ही मानेदय बढ़ा दिया गया. पिछले सात माह में लगभग 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया है.
अब तक 11 हजार के प्रमाण पत्र का सत्यापन
राज्य में 49 हजार पारा शिक्षकों में से अब तक लगभग 11 हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन हुआ है. विभाग के निर्देश के बाद भी अब तक सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका है. प्रमाण पत्रों की जांच नहीं होने से आकलन परीक्षा भी नहीं हो सकी है.
15 दिन में पूरी होनी थी प्रक्रिया
एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के संजय कुमार दूबे ने कहा है कि नियमावली में 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही गयी थी. विभाग प्रमाण पत्र की जांच नहीं करा पा रहा है, तो इसमें पारा शिक्षकों का कोई दोष नहीं है. ऐसे में तो प्रमाण पत्र की जांच नहीं होने पर कभी सेवा शर्त नियमावली लागू ही नहीं हो पायेगी.