Jharkhand Election 2024: झारखंड में इंडिया-एनडीए के बीच फंसी 15 सीटें, यही तय करेंगी सत्ता की राह

Jharkhand Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 के लिए वोटिंग संपन्न होने के साथ सरगरमी भी खत्म हो गयी, लेकिन सियासी गलियारे में बेचैनी बढ़ गयी है. एनडीए और इंडिया गठबंधन की सांसें अटकी हुई हैं. दलों के लिए सीटों की थाह लगाना मुश्किल हो रहा है.

By Anand Mohan | November 22, 2024 7:06 AM

Jharkhand Election 2024, रांची : झारखंड विधानसभा का चुनाव खत्म होने की साथ ही महीने भर से चल रही चुनावी सरगर्मी भी खत्म हो गयी है. खामोशी के बीच झारखंड के सियासी गलियारे में बेचैनी भी है. वोटरों ने ऐसी चाल चली है कि राजनीतिक दलों के लिए सीटों की थाह लगाना मुश्किल हो रहा है. एनडीए और इंडिया गठबंधन की सांसें अटकी हुई हैं. एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कम से कम 15 ऐसी सीटें फंसी हैं, जिससे होकर ही राज्य में सत्ता का रास्ता निकलनेवाला है. झारखंड के हर प्रमंडल में ऐसी सीटें हैं. इन सीटों पर जोरदार संघर्ष है. जीत-हार का समीकरण बनाना आसान नहीं है. हर दल ने सेंधमारी की है. किसी सीट पर दलों को वोटकटवा का आसरा है, तो कहीं अंडर करंट पर भरोसा है.

हटिया : गजब का चुनावी रोमांच, दोनों को भरोसा


हटिया एक ऐसी सीट बन गयी है, जिसकी जीत-हार पर जितने मुंह, उतनी बातें. यहां कांग्रेस के अजयनाथ शाहदेव और भाजपा के नवीन जायसवाल के बीच संघर्ष है. इंडिया गठबंधन को अपने परंपरागत वोट जम कर मिले हैं. वहीं, भाजपा का दावा है कि इस सीट पर उसने अपना गढ़ बचा लिया. इस सीट पर निर्दलीय भरत काशी के प्रदर्शन और सेंधमारी पर चुनाव टिका हुआ है. प्रत्याशी अपने-अपने वोट के साथ भरत काशी के वोट का भी हिसाब लगा रहे हैं.

जमशेदपुर पश्चिम : बन्ना और सरयू में घमासान


जमशेदपुर पश्चिम की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता और जदयू प्रत्याशी सरयू राय के बीच मुकाबला है. इस सीट पर शह-मात का खेल चला है. एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडे अपनाये गये. बन्ना गुप्ता को अल्पसंख्यक वोटों की गोलबंदी पर भरोसा है. वहीं, सरयू राय ने भाजपा फोल्डर के वोट समेटे. इस सीट पर जीत कोल्हान में पार्टियों का ग्राफ बढ़ानेवाली है.

सारठ : संताल की यह सीट तय करेगी पार्टियों का दम


सारठ सीट पर भाजपा के प्रत्याशी रणधीर सिंह और झामुमो प्रत्याशी चुन्ना सिंह के बीच हार-जीत का अंतर कम रहनेवाला है. इस सीट पर एक-एक वोट महंगा पड़ रहा है. इस सीट पर हार-जीत पार्टियों का ग्राफ बढ़ानेवाली है. जिसने भी इस सीट को जीता, संताल परगना में अपने दल का खूंटा मजबूत किया है.

चंदनकियारी : बाउरी-उमाकांत के बीच फंसी है सीट


चंदनकियारी की सीट अमर कुमार बाउरी और उमाकांत रजक के बीच फंसी हुई है. यह सीट भाजपा के लिए साख वाली सीट है. इस सीट पर भाजपा को आसरा है कि जेकेएलएम के प्रत्याशी कितना वोट लेकर उड़ते हैं. चुनाव परिणाम में जेकेएलएम एक कोण जरूर बनायेगा.

डुमरी : बेबी देवी और जयराम के बीच कांटे की टक्कर, झामुमो को भरोसा


डुमरी में जयराम महतो ने अपनी पकड़ मजबूत बनायी है. वहीं, झामुमो की बेबी देवी ने भी जबरदस्त ताकत झोंकी है. स्व जगरनाथ महतो की यह मजबूत जमीन पर झामुमो नये चेहरे के साथ भिड़ रहा है. यह सीट बड़ा राजनीतिक संदेश लेकर आनेवाला है. वहीं, डुमरी को लेकर झामुमो भरोसे में है.

बेरमो : त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी है भाजपा-कांग्रेस


बेरमो की सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम है. भाजपा को कोयला क्षेत्रों में पकड़ के लिए इस सीट को जीतना जरूरी है. वहीं, कांग्रेस इस सीट को जीतती है, तो उसका ग्राफ बढ़ेगा. ऐसे ही चुनाव अनुमानों में कांग्रेस पीछे चल रही है. इस सीट से जेकेएलएम से खुद जयराम महतो मैदान में हैं. जयराम महत्व की पार्टी को भी डुमरी के बाद इसी सीट पर सबसे ज्यादा भरोसा है.

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