Jharkhand Election 2024: BJP में टिकट बंटवारे के बाद नेताओं के बागी तेवर, झामुमो से किया संपर्क
गणेश महाली ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा कि भाजपा अब पहली जैसी पार्टी नहीं रह गयी है. पार्टी में विगत 25 वर्षो से तन मन धन के साथ काम करते हुए संगठन को मजबूत करने का काम किया.
Jharkhand Election 2024 : भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची आने के साथ ही कलह शुरू हो गया है. कोल्हान के साथ ही संताल परगना में भी टिकट की आस में रहे नेताओं ने विद्रोह का तेवर अख्तियार कर लिया है. सरायकेला खरसावां जिला भाजपा के कद्दावर नेता गणेश महाली ने भाजपा के सभी पदों के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव को भेज दिया है.
इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन से मिले पूर्व बीजेपी नेता
सरायकेला-खरसावां के भाजपा नेता बास्को बेसरा ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा है. इस्तीफा देने के बाद बास्को बेसरा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की है.
पूर्व सांसद और मंत्री ने जाहिर की नाराजगी
पूर्व मंत्री लुइस मरांडी नाराज चल रहीं हैं. वह देर शाम दुमका से रांची पहुंचीं. मिली जानकारी के अनुसार श्रीमती मरांडी ने झामुमो के संपर्क में हैं. टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने केंद्रीय नेतृत्व को अपनी भावनाओं से अवगत कराया है. उन्होंने कहा मेरा जनसंघ के जमाने से पांच दशक का रिश्ता है.
गणेश महाली ने थामा झामुमो का दामन
इधर गणेश महाली ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा कि भाजपा अब पहली जैसी पार्टी नहीं रह गयी है. पार्टी में विगत 25 वर्षो से तन मन धन के साथ काम करते हुए संगठन को मजबूत करने का काम किया. पार्टी में जमीनी व समर्पित कार्यकर्ताओं के बजाय बाहरी लोगों की मनमानी ज्यादा चल रही है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अपनी पीड़ा व्यक्त की. महाली ने बताया कि सीएम हेमंत सोरेन से बातचीत हो गयी है. झामुमो में शामिल हो रहा हूं. पार्टी जो दायित्व देगी, उसका ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करूंगा. उन्होंने कहा कि भाजपा के सीट बंटवारे में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने खुद सहित तीन सीटें अपने चेहतों को देने काम किया है. चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने के बाद सरायकेला सीट छोड़ दी. सरायकेला छोड़कर उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर खरसावां विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता प्रारंभ की. वहां से उन्हें टिकट मिलना लगभग तय हो गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी सहमत थे. लेकिन चंपाई सोरेन ने दिल्ली जाकर खरसावां सीट भी उनके चहेते को दिला दी.
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