Jharkhand Election: ST के लिए आरक्षित इस सीट पर JMM और BJP के बीच सीधा मुकाबला, इन्होंने किया सबसे अधिक प्रतिनिधित्व

Jharkhand Election: पोटका विधानसभी सीट एसटी के लिए आरक्षित है. जहां भाजपा और झामुमो के बीच ही मुख्य मुकाबला होता है. 1977 से इस सीट पर भूमिज जनजाति के नेताओं का कब्जा रहा है.

By Sameer Oraon | October 17, 2024 1:24 PM
an image

Jharkhand Election, संजय सरदार/ रंजन गुप्ता, पोटका : पोटका विधानसभा अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र में 3,09,894 वोटर हैं. इस सीट पर 1977 से ही भूमिज जनजाति के नेताओं का कब्जा रहा है. यहां से वर्तमान में झामुमो के संजीव सरदार विधायक हैं. उन्होंने 2019 में तीन बार की विधायक भाजपा की मेनका सरदार को 43110 वोटों से हराया था. इस सीट पर हमेशा झामुमो और भाजपा के बीच मुकाबला रहा है. इस सीट से माझी रसराज टुडू, सनातन माझी व हाड़ीराम सरदार ने दो-दो बार और सनातन सरदार व मेनका सरकार ने तीन-तीन बार प्रतिनिधित्व किया है.

वर्तमान समय में जो काम किये जा रहे हैं

पोटका में डिग्री कॉलेज की स्थापना विधायक संजीव सरदार की पहल पर हुई. सीएम शिलान्यास कर चुके हैं. काम चल रहा है. पोटका एवं डुमरिया में 30-30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाये जा रहे हैं. पोटका में वृहद जलापूर्ति योजना के तहत घर-घर जल पहुंचाने का काम चल रहा है. प्रखंड की 34 पंचायतों के घरों में नलों से पानी पहुंचाने व बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है. प्रसिद्ध मुक्तेश्वर धाम हरिणा को पर्यटन स्थल बनाने की प्रक्रिया जारी है. वन विभाग द्वारा हरिणा मुक्तेश्वरधाम में बायो डायवर्सिटी पार्क का निर्माण कराया जा रहा है. गंगाडीह पंचायत के समीप कोल्ड स्टोरेज बन रहा है. इसके बनने से किसानों को फायदा होगा.

क्षेत्र में पलायन बड़ा मुद्दा

पोटका और डुमरिया क्षेत्र के युवा बड़ी संख्या में रोजगार के लिए यहां से पलायन कर रहे हैं. मगर उन्हें रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई योजना नहीं बनायी गयी है. चिकित्सा के लिए आधारभूत संरचना नहीं है. एंबुलेंस है, पर चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों की कमी से इलाज संभव नहीं हो रहा है. शिक्षा की व्यवस्था लचर है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. पोटका में सिंचाई की सुविधा नहीं के बराबर है. किसान आज भी बरसात के भरोसे हैं. पोटका से काट कर कोवाली को प्रखंड बनाने का मुद्दा काफी पुराना है. मगर आज तक कोवाली प्रखंड नहीं बना.

Also Read: Jharkhand Assembly Election: CM हेमंत का जनता के नाम संदेश, कहा- समाज को तोड़ने वाली राजनीति के खिलाफ लड़ना है

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पोटका में पहले की तुलना में काफी काम हुआ है. लेकिन, किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाया है. वे बारिश पर निर्भर हैं. इस इलाके में नहर है. मगर उसमें पानी नहीं आ रहा है. अगर पानी आता, तो किसानों को लाभ मिलता. स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. रोजगार का अभाव है. यहां एक-दो माइंस एवं कंपनियां हैं, जिसमें कुछ लोगों को नौकरी मिली है. बाकी लोगों को नौकरी के लिए राज्य से बाहर पलायन करना पड़ रहा है. पलायन रोकने के लिए रोजगार की दिशा में पहल करने की जरूरत है. यहां तकनीकी शिक्षण संस्थानों की जरूरत है, ताकि विद्यार्थी हुनरमंद बन सकें.

उज्ज्वल कुमार मंडल, सामाजिक कार्यकर्ता

विकास कार्यों को धरातल पर उतारा : संजीव सरदार

विधायक संजीव सरदार ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पोटका में विकास कार्यों को धरातल पर उतारा. 2019 के चुनाव के दौरान किये वादे को पूरा किया. डिग्री कॉलेज की स्थापना करायी. इससे हजारों विद्यार्थियों को फायदा होगा. उन्हें स्नातक तक की पढ़ाई के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा. कई उच्च विद्यालयों में प्लस टू की पढ़ाई भी शुरू हुई है. जलापूर्ति को लेकर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है. रंकिनी मंदिर का सौंदर्यीकरण किया गया है. पहाड़भांगा पर्यटन स्थल तक सड़क का निर्माण कराया गया है. जर्जर सड़कों की मरम्मत करायी गयी है. कई पुलों का निर्माण हुआ है. निश्चिंतपुर में विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कराया गया. इससे इस इलाके में बेहतर बिजली मिल सकेगी. लोक कलाकारों के बीच नगाड़ा व मांदर का वितरण किया गया. हर दिन जनता दरबार लगा कर लोगों की समस्याओं का निदान करता हूं.

विकास कार्य रुक गया है : मेनका

2019 में यहां से भाजपा प्रत्याशी रहीं मेनका सरदार ने कहा कि उन्होंने पोटका विधानसभा के लिए जो विकास काम किया था, वह रुका हुआ है. वर्तमान में कुछ काम आगे नहीं बढ़ा. बल्कि, कई काम को रोक दिया गया. उन्होंने बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू करायी थी. वह अब तक अधूरी है. हाता से तिरिंग (ओडिशा) तक राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं बना है. कोवाली-डुमरिया सड़क भी नहीं बन पायी है. पोटका में डिग्री कॉलेज खोलने का प्रयास उन्होंने ही किया था. वहीं, जनमुद्दे का समाधान नहीं किया जा रहा है. रोजी-रोटी के लिए लोग पलायन कर रहे हैं.

Also Read: चुनावी झरोखा : रिक्शा से प्रचार करते थे पूरनचंद, कव्वाली की टीम के साथ झोली फैलाकर एकत्र करते थे चंदा

कहते हैं लोग

पोटका के लोगों के लिए रोजगार का एकमात्र साधन खेती है. लेकिन, किसानों को सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. अगर इस इलाके में सिंचाई की व्यवस्था हो जाये, तो यहां के किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं.

जयपाल मुंडा, किसान, हल्दीपोखर

पोटका विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा का स्तर उठाने के लिए छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की बहाली की जाये. जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत करायी जाये. चहारदीवारी बनाकर स्कूलों को सुरक्षित किया जाये. इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

शंकर चंद्र गोप, सेवानिवृत्त शिक्षक, नुआग्राम

विधानसभा क्षेत्र में विकास का काम तो हुआ है, लेकिन भाटिन पंचायत में विकास की गति काफी धीमी है. इस पंचायत की अधिकतर सड़कें जर्जर हैं. इसे दुरुस्त करने की जरूरत है. शिक्षा के क्षेत्र में भी भाटिन पंचायत काफी पिछड़ गयी है.

अमित साव, ग्रामीण, भाटिन

भाटिन पंचायत की समस्याओं को लेकर विधायक से शिकायत की गयी है. विधायक से आशा है कि वे जल्द ही इन समस्याओं का समाधान कर देंगे. भाटिन माइंस में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाये, ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिल सके.

रमेश सोरेन, झरिया गांव

अब तक कौन कौन बने विधायक

विधानसभा चुनाव 2009

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
मेनका सरदारभाजपा44,095
सुबोध सिंह सरदारकांग्रेस28,385
अमूल्य सरदारझामुमो24,789

विधानसभा चुनाव 2014

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
मेनका सरदारभाजपा68,191
संजीव सरदारझामुमो61,485
दुखनी माई सरदारकांग्रेस14,227

विधानसभा चुनाव 2019

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
संजीव सरदारझामुमो110753
मेनका सरदारभाजपा67643
बुलू रानी सिंहआजसू5735

Also Read: झामुमो से टिकट की चाह में आवेदन देने की होड़, 51000-51000 रुपए देकर 500 लोगों ने लिए फॉर्म

Exit mobile version